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वीर सेवा मंदिर का त्रैमासिक
अनेकान्त
प्रवर्तक : आ. जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर'
सिद्धभक्ति
वर्ष - 53 किरण - 2
अप्रैल-जून 2000
सम्पादक :
डॉ. जयकुमार जैन
परामर्शदाता : पं. पद्मचन्द्र शास्त्री
आजीवन सदस्यता
1100/
वार्षिक शुल्क
15/
प्रकाशक :
भारत भूषण जैन, एडवोकेट
अट्ठविहकम्ममुक्के अट्ठगुणड्ढे अणोवमे सिद्धे ।
मुद्रक : मास्टर प्रिंटर्स - 110032
अट्ठमपुढविणिविट्ठे णिट्ठियकज्जे
य वंदिमो णिच्चं ॥ आठ प्रकार के कर्मों से युक्त आठ गुणों से सम्पन्न, अष्टय पृथिवी में स्थित एवं कृत्तकृत्य सिद्धों की मैं नित्य वन्दना करता हूं।
इस अंक का मूल्य
5/
मंदिरों के लिए निःशुल्क दिंतुवरणाणलाहं बुहयण
जरमरणजन्मरहिया ते सिद्धा
मम सुभत्तिजुत्तस्स ।
परियत्थणंपरमसुद्धं ॥
जरा, मरण और जन्म से रहित वे सिद्ध भगवान मुझे, समीचीन भक्ति से युक्त जनों द्वारा प्रार्थित परमशुद्ध ज्ञान लाभ दें।
वीर सेवा मंदिर
21, दरियागंज, नई दिल्ली-110002 दूरभाष : 325022
संस्था को दी गई सहायता राशि पर धारा 80 जी के अंतर्गत आयकर में छूट (रजि. आर 10591/62)