Book Title: Anekant 2000 Book 53 Ank 01 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 204
________________ अनेकान्त/४० ११ अभिधर्मकोश के आधार पर डॉ हीरालाल जैन द्वारा 'तिलोय पण्णत्ती' प्रस्तावना पृष्ठ ८७ पर कथित भावार्थ । देखे-'जैनेन्द्र सिद्धान्तकोश' भाग-३ पृष्ठ ४४९ १२ श्रीमद्भागवत ५/१/३० १३ वही ५/२०/३५-३७ १४ वही ५/१/३२ १५ तत्त्वार्थसूत्र, ३/१८ १६ वही ३/९ १७ वही ३/१० १८ वही ३/११ १९ वही ३/१२ २० वही ३/१३ २१ वही ३/१४ २२ वही ३/२० २३ वही ३/२१-२२ २४ वही ३/२३ २५ वही ३/३२ २६ त्रिलोकसार २७ वही २८ जैन साहित्य का इतिहास पूर्व पीठिका, मथुरा, प्रस्तावना-पृष्ठ ८ २९ श्रीमद्भागवत ५/४/३ ३० वही एवं अन्य अनेक पुराण - के.के. जैन कालेज खतौली-२५१२०१ (उप्र)

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