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इस अंक में -
कहाँ/क्या?
१ भगवान महावीर और उनकी प्रासंगिकता
- सम्पादकीय
२ परिग्रह के दलदल मे फसा अपरिग्रही धर्म
___ - पं पद्मचन्द्र शास्त्री
३ दिगम्बर जैन आर्ष परम्परा
- डॉ रमेशचन्द जैन । ४ अनर्थदण्डव्रत की प्रासगिकता
- डॉ सुरेशचन्द जैन | ५ लोक का स्वरूप, भारतीय दर्शनो के परिप्रेक्ष्य मे
- डॉ कपूर चन्द जैन ।
६ व्यक्तित्त्व विकास के चौदह सोपान, चौदह गुणस्थान ४१
- प आनद कुमार शास्त्री 'आसु'
७ निश्चय-व्यवहार
- शिवचरनलाल जैन
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