________________
महाकाव्य
४ कुमारपाल चरित्र
५ वासुपूज्य चरित
६ पार्श्वनाथ चरित
७ श्रं यांसनाथ चरित
जगडू चरित
* बालभारत
० पद्मानन्द्रमहाकाव्य
११ जयन्त विजय
१२ धर्माभ्युदय महाकाव्य
१३ अभयकुमार चरित
१४ पाण्डव चरित
१२ पुरीक परित
शालिभद्र
१७ मुनिसुचत चरित
८ यशोधर चरित
४६ नलायनम्
२० शान्तिनाथ महाकाव्य
२१ हम्मीर महाकाव्य
२२ श्रोणिक चरित
२३ चन्द्रप्रभ चरित
२४ पार्श्वनाथ चरित
२५ पार्श्वनाथ चरित
२६ पार्श्वनाथ चरित
२७ शान्तिनाथ चरित
२८ शान्तिनाथ चरित
२२ मुनिचरित
३० नेमिनाथ चरित
चरित
३१ महापुरुष ३२ प्रत्येकबुद्ध चरित
३३ लीलावतीसार काव्य
सर्ग संख्या
१०
४
ང
१४
७
८ पर्व ४४ सर्ग
18
१६
१५
१२
१८ मर्ग
मर्ग
सर्ग
१४ सर्ग
मर्ग
६ सर्ग
स्कंध १०, १६ मर्ग
१४
१६
16
3
10
द
१४
८
१०
५
१७
२१
अनेकान्त
३४ संभवनाथ चरित
३५ सनत्कुमार चरित
३६ विवाहवल्लभ महाकाव्य
१४ से अधिक
का केवल १४ वां सर्ग श्री अभयजैन मंथालय बीकानेर भी १४वीं शताब्दी का ही होगा)
रचना काल
सन १३६५
सन् १९४२
सन् १३५५
सन् १२७५
सन् १२८१
ई०
१० १३ वीं शताब्दी
मन १२४०
सन् १२२१
सन् १२९० से १२३३ ई० मध्य
सन् ११५५
सन १२१३
सन् १३१५
सन् १२२८
१० १३ वीं शताब्दी उतरा
ई० १३ वीं शताब्दी उत्तराद
ई० १३ व १४ वी शताब्दी
मन १३५३
सन् १२१६
सन १३१८
मन १२५५
सन् १२३४
० १४वीं शताब्दी
सन् १२१६
१० वीं शताब्दी पूर्वा
सन् १२६५
सन् १२३७
सन् १२३२ के लगभग
३० १३ वीं शताब्दी
मन् १२५४ २०१३ वीं शताब्दी
मन् १३५६ सन् १२०५
१४वीं शताब्दी (अनुमान से) में सुरक्षित है। श्री नाहटा जी का
कवि
जयसिंह सूरि
वर्धमान सूरि
भावदेव मूरि
मानतुरंग सूरि
सर्वानन्द सूरि
अमरचन्द्र सूरि
अमरचन्द्र सूरि अभयदेवसूरि
उदयप्रभ सूरि
चन्द्र तिलक उपाध्याय मलधारिदेवप्रभ मूरि
कमलप्रभ
पूर्णभागखि
विनयचन्द्र सूरि
माणिक्य सूरि
माणिक्य सूरि
सुनिभद्र सूरि
नयन्द्र सूरि जनप्रभसूर
१०६
सर्वानन्द सूरि सर्वानन्द मूरि
विनयचन्द्र सूरि मालिश्यचन्द्रमूहि
मायिक हि
मुनिदेव सूरि
पद्मप्रभ
उदयप्रभ सूरि मेरुतुगाचार्य
मोतिक जिनग्न मूरि मेस्तुग
जिनपाल उपाध्याय
घशात (प्रस्तुत महाकाव्य अनुमान है कि यह ग्रंथ