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विषय-सूची
अनेकान्त को सहायता
विषय
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११) श्रीमान सेठ भगवानदास शोभालाल जी जैन
चमेली चौक सागर, (म० प्रदेश) ने निसई जी तीर्थ क्षेत्र १. श्रीसुपार्श्व-जिन-स्तवन-समन्तभद्राचार्य २४१
मल्हारगढ पर कलशारोहण और स्वाध्याय भवन के २. होयसल नरेश विष्णुवर्धन और जैनधर्म
उद्घाटन के समय निकाले हुए. दान में से ग्यारह रुपया –के. भुजबली शास्त्री मूडबिद्री
धन्यवाद सहित प्राप्त हुए। ३. श्रीपुर में राजा ईल से पूर्व का जैन मन्दिर -नेमचन्द धन्नूसा जैन न्यायतीर्थ २४५
-व्यवस्थापक
- 'अनेकान्त ४. वाग्भट्ट के मगलाचरण का रचयिता -क्षुल्लक सिद्ध सागर
२४८ ५. रइधू कृत 'सावयचरिउ' 'समत्तक उमुई' ही है
-प्रो० राजा राम एम. ए, पारा । २५० ६ जैन-दर्शन मे सप्तभंगीवाद
स्थायी सदस्यों की विश्यकता -उपध्याय मुनि श्री अमरचन्द ७ यज्ञ और अहिसक परम्पराएँ
अनेकान्त जैसे प्रतिष्ठित और कातिप्राप्त शोधपत्र -प्राचार्य श्री तुलसी
२५६
के लिए हमे.२५. .. स्पया प्रदान करने - अपभ्र श का एक प्रमुख कथाकाव्य
वाले ३१ स्थायी सदस्य हये। समाज के प्रतिष्टित ---डा० देवेन्द्र कुमार शास्त्री रायपुर
धर्मात्मा धनी महानुभावो से प्रार्थना है कि वे अनेकान्त ६. खजुराहो का प्रादिनाथ जिनालय
के स्थायी सदस्य बने, और अपने मित्रो को बनाएँ। -नीरज जैन
७५ | जिसमे अनेकान्त को और भी ऊँचा उठाया जा सके । १०. माणिकचन्द . एक भक्त कवि -गगाराम गर्ग एम. ए, जयपुर २७८
-व्यवस्थापक ११ ३८वे ईसाई तथा सात बौद्ध विश्व सम्मेलन
अनेकान्त की श्री जन सघ को प्रेरणा
वोर सेवा मन्दिर २१ दरियागंज, -कनक विजय जी महाराज-वागणसी २८१
दिल्ली। १२. साहित्य-समीक्षा-परमानन्द शास्त्री २८५ १३. वार्षिक विषय-सूची
अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया सम्पादक-मण्डल
एक किरण का मूल्य १ रुपया २५ १० डा० प्रा० ने० उपाध्ये
अनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पादक डा० प्रेमसागर जैन
मण्डल उत्तरदायी नहीं हैं। श्री यशपाल जैन
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