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साथ, जीवन के अमृत के साथ जोड़े उसका नाम है योग। अगर आपको अवसाद है तो मैं कहूँगा एक मिनट का हास्य-योग कर लो। हँसने से देह की, दिमाग की सारी कोशिकाएँ एक्टिव हो जाती हैं और टेंशन छू-मंतर । जीवन इस तरह जिएं कि जीवन का हर चरण ही योग का चरण बन जाए। सीमित भोजन भी योग है। सादा रहनसहन भी योग है। कपड़ों पर अंकुश लगाना भी योग है।
__ सहज जीवन जीने का प्रयास करें। सादगी से बढ़कर शृंगार क्या? प्रतिदिन स्नान करें। साबुन का अधिक प्रयोग न करें। हर समय प्रसन्न और मुस्कुराने की आदत डालें। जल्दी सोने की कोशिश करें। सोने के पूर्व कोई अच्छी-सी पुस्तक पढ़ें, प्रभु का ध्यान करें। इस तरह योग के साथ ये कुछ व्यावहारिक जागरूकताएँ भी रखने का प्रयत्न करें।
कुल मिलाकर, हम गृहस्थी में भी एक योगी का जीवन जीते हुए स्वस्थ, प्रसन्न और मधुर जीवन के मालिक बनें, आध्यात्मिक जीवन के स्वामी बनें।
प्रेमपूर्ण नमस्कार।
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