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HASHA
प्राणायाम की सरल एवं सूक्ष्म समझ
मेरे प्रिय आत्मन्!
__ ध्यान की पृष्ठभूमि बनाने के लिए ध्यान में प्रवेश करने के लिए साँस जीवन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। साँस वह सेतु है जो हमें बाहर से भीतर तक जोड़ता है। साँस जीवन का आधार है। श्वास हमें अपने नाड़ी-संस्थान, प्राण-तंत्र और चेतनातंत्र तक जोड़ता है। भले ही हम यह समझें कि श्वास शरीर की व्यवस्था है लेकिन सचाई तो यह है कि यह हमें तन, मन से निरोगी व प्राणतंत्र को सक्रिय व ऊर्जावान बनाता है। यह हमें हमारी चेतना और आत्मा तक पहुँचाता है। यह हमें अपने-आप से मिलन करवाता है।
प्राणायाम की चर्चा करते हुए यह जानना आवश्यक है कि वायु हमारे लिए संपूर्ण अस्तित्व है। यह कितनी महत्त्वपूर्ण है यह इसी से जाना जा सकता है कि साइकिल के दो पहियों पर तीन-चार इंसान एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाते हैं। माना कि उसकी बनावट भी भिन्न है लेकिन महत्त्वपूर्ण भूमिका तो पहियों में भरी हवा की ही है। यदि ट्यूब में से हवा निकाल दी जाए तो सारी व्यवस्था ही चरमरा जाती है। एक ट्रक जो पच्चीस टन माल ले जा सकता है, सारी व्यवस्था सुव्यवस्थित
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