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पर, हिंसाजनित वाचिक प्रवृत्ति पर, हिंसाजनित मानसिक प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना ही यम है।
मानसिक हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए सकारात्मक सोच, सकारात्मक विचार और सकारात्मक व्यवहार को अपनाएँ। सकारात्मकता को अपने जीवन में महत्त्व दें। किसी ने अगर हमारे प्रति बुरा व्यवहार किया हो तो उसका बुरा चाहने की बजाय सोचें कि हमारे समझने में ही कोई चूक हो रही है। अन्यथा उनके कहने का उद्देश्य यह नहीं था जो हमने समझ लिया। हमारी ही गलती है कि उनकी बात का गलत अर्थ लगा लिया। दूसरों के द्वारा गलत व्यवहार हो जाने के बावजूद हमारे द्वारा उनके प्रति सकारात्मक, सम्मानपूर्ण, उदारतापूर्ण व्यवहार कर लेना ही, मानसिक हिंसा पर अंकुश लगाना है।
ऐसा हुआ - बुद्ध का एक शिष्य पूर्ण बुद्ध के पास पहुंचा और बोला - भंते मैं आपके संदेश अंग, बंग और कलिंग देशों तक प्रचारित करना चाहता हूँ। बुद्ध ने कहा - वत्स, वहाँ के लोग अच्छी प्रकृति के नहीं हैं, वे तुम्हें परेशान करेंगे इसलिए तुम किसी अन्य प्रदेश में जाकर शांति का संदेश प्रसारित करो। पूर्ण ने कहा - भंते, उन प्रदेशों में अभी तक कोई गया नहीं है इसलिए मैं अपनी सेवाएँ उन प्रदेशों में देना चाहता हूँ। तब बुद्ध ने कहा - तुम वहाँ गए और लोगों ने अपशब्द कहे तो तुम्हारी मानसिक प्रतिक्रिया क्या होगी? पूर्ण ने कहा - तब मैं सोचूँगा ये लोग कितने भले हैं, अपशब्द ही तो कह रहे हैं। थप्पड़, घूसे तो नहीं चलाते। यही है मानसिक हिंसा पर अंकुश कि कैसी भी परिस्थिति हो पॉजिटिव एटीट्यूड रखना कि लोग गाली ही दे रहे हैं - थप्पड़ नहीं मार रहे हैं, रहमदिल लोग हैं, ये अभी भी मुझ से प्यार करते हैं। आगे बुद्ध ने कहा - अगर वे तुम्हें थप्पड़-घूसे भी मारने लगें तो? तब तुम क्या करोगे? पूर्ण ने कहा - तब मेरे मन में आएगा कि ये लोग बहुत अच्छे हैं जो थप्पड़मुक्के ही चला रहे हैं कम-से-कम तीर, तलवार, कटार तो नहीं चलाते। बुद्ध ने पूछा - अगर उन्होंने तीर, तलवार, कटार चला दी तब तुम्हारे मन में क्या होगा? तब मेरे मन में आएगा कि मैं श्री भगवान के प्रेम और शांति के उपदेशों को क्रूर और अशांत लोगों के बीच प्रसारित करने में काम आया।शरीर का त्याग करने से पहले यही भाव होंगे - पूर्ण ने कहा - मेरा शरीर मेरे प्रभु के, मेरे गुरु के काम आया यही सुकून रहेगा। बुद्ध ने कहा - जाओ, पूर्ण तुम सचमुच पूर्ण हो। तुम जहाँ भी जाओगे, वहाँ तुम्हारे चरण पड़ने मात्र से प्रेम और शांति का ध्वज फहरेगा।
जिस व्यक्ति का हर हाल में इतना सकारात्मक नज़रिया रहता है, इतने
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