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वृत्तमौक्तिक
३. रड्डा प्रकरण : ___इस प्रकरण में पज्झटिका, अडिल्ला, पादाकुलक, चौबोला और रड्डा छन्द के लक्षण एवं उदाहरण हैं । अन्त में रड्डा छन्द के सात भेद :-करभी, नन्दा, मोहिनी, चारुसेना, भद्रा, राजसेना और तालंकिनी के लक्षण मात्र दिये हैं और इनके उदाहरणों के सिए "सुबुद्धिभिः स्वयमूह्यम्" कह करु प्रकरण समाप्त किया है। ४. पद्मावती प्रकरण :
इस प्रकरण में पद्मावती, कुण्डलिका, गगनांगण, द्विपदी, मुल्लणा, खजा, शिखा, माला, चुलिमाला, सोरठा, हाकलि, मधुभार, आभीर, दण्डकला, कामकला, रुचिरा, दीपक, सिंहविलोकित, प्लवंगम, लीलावती, हरिगीतम्, त्रिभंगी, दुर्मिलका, हीरं, जनहरण, मदनगृह और मरहठा छन्दों के लक्षण एवं उदाहरण हैं । हरिगीतं छन्द के १. हरिगीतम्, . २. हरिगीतकम्, ३. मनोहर हरिगोतं और ४, ५, यतिभेद से लक्षण-द्वय सहित हरिगीता के लक्षण एवं उदाहरण हैं ।
सोरठा, हाकलि, दीपक, हीर और मदनगृह छंद के प्रत्युदाहरण भी हैं। ५. सवैया प्रकरण :
इस प्रकरण में मदिरा, मालती, मल्ली, मल्लिका, माधवी और मागधी सर्वयों के लक्षण देकर क्रमशः इनके उदाहरण दिये हैं । अन्त में घनाक्षर छन्द का लक्षण एवं उदाहरण दिया है । ६. गलितक प्रकरण :
इस प्रकरण में गलितकम्, विगलितकम्, संगलितकम्, सुन्दरगलितकम्, भूषणगलितकम्, मुखगलितकम्, विलम्बितगलितकम्, समगलितकम्, अपरं समगलितकम्, अपरं संगलितकम्, अपरं लम्बितागलितकम्, विक्षिप्तिकागलितकम्, लम्बितागलितकम्, विषमितागलितकम्, मालागलितकम्, मुग्धमालागलितकम् और उद्गलितकम् छन्दों के लक्षण एवं उदाहरण दिये हैं।
- प्रथमखण्ड के छन्द एवं भेदों का प्रकरणानुसार वर्गीकरण इस प्रकार हैप्रकरण संख्या छन्द संख्या छन्द भेद नाम भेद संख्या मूलभेद की न्यूनता कुल १ ७ गाथा २५ १ १५८
___ स्कन्धक २८१