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वृत्तमौक्तिक-चतुर्थ परिशिष्ट (घ.)
शाक
,
छन्द-नाम प्रति चरण-वर्ण लक्षण
विशेष रण , १२(१४) ज.र.ज र.
१, ३, ५, ७, ९, ११वां अन्तिम चरण में-ज.भ ल.ज वर्ण श्लिष्ट; पद - संख्या भ.ल.
ऐच्छिक होती है। वीर १२ म.भ.न.न.
१, २, ३, ४, वर्ण श्लिष्ट;
पद-संख्या १२ भभ.र.ल.
५वां वर्ण श्लिष्ट, ७, वां वर्ण दीर्घ; दूसरा वर्ण
मधुर; मातङ्ग खेलित, १० र.र.य.ल.
र.र.य.ल.
५, १०वां वर्ण श्लिष्ट या मधुर; ५वें वर्ण पर भंग
और मैत्री; १, ३, ६, ८वां वर्ण दीर्घ; पद - संख्या
ऐच्छिक; उत्पल , ६(१२) भ.भ.
२, ५वां वर्ण श्लिष्ट; पद
मतान्तरे-भ.भ.भ.भ. संख्या ऐच्छिक; गुणरतिः ७(१४) स.न.ल.
३ रा वर्ण दीर्घ; पद-संख्या मतान्तरे-स.न.ल.स न.ल. ऐच्छिक कल्पद्रुम ॥
त.ज.य.
२. ३, ६, ९वां वर्ण श्लिष्ट; स्वां वर्ण श्लिष्टपर; पद
संख्या ऐच्छिक कन्दल
भ.भ.
२ रा वर्ण मधुर; ५वां वर्ण
श्लिष्ट; अपराजित,
भ.स.ज.ग्र ल.
२ रा वर्ण मधुर; ६, ८,
१०वां वर्ण दीर्घ; नर्तन ,
स.स.र.ल.ल.
४, ७वां वर्ण श्लिष्ट; ८वां
वर्ण मधुर; तरत्समस्त,
ज.म.स.ल.ल.
३,५६ वर्ण श्लिष्ट, संश्लि
ष्ट एवं मधुर; न.य.ल ल.ल.ल.
७वां वर्ण श्लिष्ट ; ५, ६,
वर्ण दीर्घ. अस्खलित
त.र.भल.
३,५,७,८वां वर्ण संश्लिष्ट;
प्रथम वर्ण दीर्घ पल्लवित, भत.न.ल.ल.ल.ल.
२ रा वर्ण शिथिल या मधुर, ४, ५वां वर्ण दीर्घ
६
भ.भ.
वेष्टन
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