________________
४९२ ]
वृत्तमौक्तिक-पञ्चम परिशिष्ट
लक्षण
प्रस्तार- छन्द-नाम संख्या
सन्दर्भ-ग्रन्थ-सङ्कताङ्क
२,३३६. कल्पकान्ता २,३४४. परीवाहः
शरभललितम् २,६८७. वाटिकाविकाशः २,७३१. अर्कशेषा २,७४०. मदावदाता २,८०४. वंशमूलम् २,८०५. चेलाञ्चलम्
र त त त ग ग न त त त गग न भन त गग भन य जग र ज र ज ग ग सभर ज ग ग सभ स ज ग ग तभ सज गग
१७. १७. १०; शरभा-११. १७; वाटिकाविलास:-१७; वाटिका१७. १७. १७, सुनन्दा-१६. १७; वेलाञ्चलम्-१७; वेलान्तरम्१७.
१७.
२,८०६. कुसुम्भिनी २,८०८. विलम्बनीया २,८१६. अनन्तदामा
नदी
कुमारी
कृतमालम् ३,२८७. शारदचन्द्रः ३,३१३. परिणाही ३,४६६. रतिरेखा ३,४८४. मन्मथः ३,५११. जाहमुखी ३,५१५. वलना ३,८६२. प्रतिभादर्शनम
राजरमणीयः
ज भ स ज ग ग न भ स ज ग ग न न स ज ग ग न न त ज ग ग न ज भज ग ग त ज य भ ग ग त य स भ ग ग म भ स भ ग ग तय भ भ ग ग स स भ भ ग ग भभ भभ ग ग र न भ भ ग ग स भ त न ग ग जस र न ग ग
44444444444
१०; लता-११; वनलता-१६.
१७.
१०, २०, रूपगोस्वामिकृत-वत्सचारणादिस्तोत्र में 'प्रफुल्ल कुसुमाली' है। १४.
वरसुन्दरी
सुपवित्रम् ४,००६. उपचित्रम्
ज्योत्स्ना ४,६७२. करिमकरभुजा ४,६८२. प्रपातः ४.७०४. जलदरसिता ४८४४. पथ्या ५,२६७. कल्पमीलिता ५.४१६. सुधाधरा
भज स न गग त र न न ग ग न न न न न ग म र म य लग न न म य ल ग य य य य ल ग न स य य ल ग स ज स य ल ग र र र र लग र ज त र ल ग
FFFER
१०, १६; अलिपदम्-१७. ५,१०, ज्योत्स्निका-५. १०; कामला-१७. १७. १७. १७, प्रथिता-१६. १७. १७.