Book Title: Vruttamauktik
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishtan

View full book text
Previous | Next

Page 626
________________ सन्दर्भ ग्रन्थों में प्राप्त वणिक-वृत्त [ ४६३ प्रस्तार- छन्द-नाम संख्या लक्षण सन्दर्भ-ग्रन्थ-सङ्कताङ्क १७. AAA १०,१४. १६. १७. १०. ५, १०. १७; अलिकालका-१७. १०, १६. १७. १७. १७. १७; क्रीडावसथम्-१७. FFFFFFFFFFFF V5FFFFFFFFFF555 FFFFFFFFFFFF555 ५,४५६. कलाधरः ५,४६२. कुडङ्गिका सुकेसरम् सुदर्शना ५,६६२. वितानिता सिंहः जया ५,८१३. मलकालिका ५,८१५. दर्दुरकः ५,८१६. गगनोद्गता ५,८५२. विनन्दिनी ६,१७२. भूरिशिखा ६.३६४. क्रीडायतनम् ६,५४१. नासाभरणम् ६,५८३. कणिशरः ७,०३२. विपाकवती ७,०८६. काकिणिका ७,०८७. कारविणी ७,३१५. कूर्चललितम् ७,५३२. कलहेतिका ७,५३५. अञ्चलवती ८,०२७. गगनगतिका ,०८१. निमुक्तमाला ६,३६३. कामशाला ६,६७५. उन्नर्म ११,६२८. उपकारिका ११,६३१. हेममिहिका ११,६३२. हेतिः १४,०४४. मधुपालि १६,०००. वेशम्भरि १७. र र ज र ल ग ज र ज र ल ग नरन र ल ग स ज न र ल ग न न न र ल ग न म र स ल ग म र र स ल ग त भर स ल ग भ भ र स ल ग रन र स ल ग स स स स ल ग स स म त ल ग स स स त लग तय भ त लग भ भ भ त ल ग न भ ज ज ल ग ज ज भ ज ल ग भ ज भ ज ल ग़ र र र भ ल ग स ज ज भ ल ग्र भ ज ज भ ल ग रस ज न लग म र भन लग र र र र ग ल भभ स स ग ल स ज ज भ ग ल भ ज ज भयल न ज ज भ गल स स स स ल ल न न य न ल ल 되석의 의의 4 १७. ७. १७. १७. १७. १७. १७ पञ्चदशाक्षर-छन्द १३. वज्राली १६. स्फोटक्रीडम् त य म म म न य म मम

Loading...

Page Navigation
1 ... 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678