Book Title: Vruttamauktik
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishtan

View full book text
Previous | Next

Page 677
________________ [ ६ ] २५. वीरवाण, (प्र. ३३) : ढाढी बादर कृत, जोधपुर के वीर शिरोमणि वीरमजी राठौड़ संबंधी रचना; सम्पादिका-रानी लक्ष्मीकुमारी चूंडावत (१६+६२+११२), १९६० ई०। मू. ४.५० २६. वसन्स-विलास फागु, (ग्र. ३६) : अज्ञातकर्तृक, १३वीं शताब्दी का एक प्रचीन राजस्थानी भाषा निबद्ध शृंगारिक काव्य; सम्पादक एम. सी. मोदी, (१४+११६), १९६० ई०।। मू. ५.५० २७. रुषमीहरण, (प्र. ७४) : महाकवि सांयाजी झूला कृत, राजस्थानी भक्तिकाव्य ; सम्पादक-पुरुषोत्तमलाल मेनारिया (५२+११३) १९६४ ई० । मू. ३.५० २८. बुद्धि-विलास, (ग्र. ७३) : बखतराम साह कृत, जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंहजी का समकालीन ऐतिहासिक वर्णन; सम्पादक-श्री पप्रधर पाठक, (२४+१७६), १९६४ ई० । मू. ३.७५ २९. रघुवरजसप्रकास, (ग्र. ५०) : चारण कवि किसनाजी पाढ़ा कृत, राजस्थानी भाषा का काव्यशास्त्रीय ग्रन्थ; सम्पादक-श्री सीताराम लाळस; (२०+३७६), १९६० ई० । मू. ८.२५ ३०. संस्कृत व प्राकृत ग्रन्थों का सूचीपत्र भाग १ (प्र. ७१) : राजस्थान प्राच्यविद्या प्रति ष्ठान, जोधपुर संग्रह का स्वरित रोमन-लिपि में ४००० का सूचीपत्र, अंत में विशिष्ट ग्रन्थों के उद्धरण; सम्पादक-पद्मश्री मुनि जिनविजय पुरातत्त्वाचार्य; (१६+६+३७३+१५९), १९६३ ई० । मू. ३७.५० ३१. संस्कृत व प्राकृत ग्रन्थों का सूचीपत्र भाग २ (ग्र..७७) : सम्पादक-पद्मश्री मुनि जिन. विजय पुरातत्त्वाचार्य, (१६+७+३२६+६६), १९६४ ई० । मू. ३४.५० ३२. सन्त कवि रज्जब-सम्प्रदाय और साहित्य (प्र. ७६) : लेखक-डॉ. व्रजलाल वर्मा, (+३१४), १९६५ ई० । मू.७२५ ३३. प्रतापरासो, जाचिक जीवण कृत, (प्र.७५) : अलवर राज्य के संस्थापक रावराजा प्रतापसिंहजी के शौर्य का ऐतिहासिक वर्णन, भाषा-शास्त्रीय विशिष्ण अध्ययन सहित, सम्पादक-डॉ. मोतीलाल गुप्त (१६६+११८), १९६५ । मू. ६.७५ ३४. भक्तमाल, राघोदास कृत, चतुरदास कृत टीका; सम्पादक-श्री अगरचन्द नाहटा । (४२+२७+२८६), १९६५ ई० । मू. ६.७५

Loading...

Page Navigation
1 ... 675 676 677 678