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सन्दर्भ-प्रन्यों में प्राप्त वणिक-वृत्त
संकेतांक
का लक्षण
वर्ण-संख्या वृत्तनाम विषमचरणों समचरणों सन्दर्भ-ग्रन्थ
का लक्षण का लक्षण (११, ११) प्रौपगवम् निरगग ] [भ र र लग] १७. (११, १२) उपाढ्यम् न स ज ग ग ] [भ भर य ] १७. (११, ११) करभोद्धता [भ त र ल ग ) [सन र ल ग ] १७. (११, १३) विलसितलीला [भ भ त ल ग ] [न ज न स ग ] १०, १६. (११, १२) द्रुतमध्या (भ भ भ ग ग्र] [न ज ज य ] २, ६, १०, १३. १७
१८, १९, २०, २२,
चलमध्या-५. (११, ११) कोरकिता [भ भ भ ग ग] [न य न ग ग ] १७. (११, १२) कमलाकरा [भ भ भ ग ग] [भ न जय ] १७. (११, १०) वर्गवती [भ भ भ ग ग] [स स स ग ] १७. (११, ११) अवहित्रा [भ भ भ ग ग ] [स स स ल ग] १७. (११, १०) केतुः [भ र न ग ग] [स ज स ग ] १७. (११, ११) प्रोपगवीतम् [भ र र ल ग ] [न र र ग ग ] १७. (११, १३) बद्धास्यम् [म भ न ल ग] [स स न न ग ] १७. (११, १०) युद्धविराट [म स ज ग ग त ज र ग १७. (११, १२) असुराढया [म स ज ग ग ] [न न र य ] १७. (११, ११) वणिनी [र न भ ग ग ] [र न र ल ग ) १७. (११. १२) किलकिता [र न र ल ग 1 [न भ ज र ] (११, ११) सारिका [र न र ल ग ] [र न भ ग ग ] १७. (११, १०) ललिता
[र स स ल ग] [स ज ज ग ] १४. (११. ११) शालभजिका [सन र ल ग 1 [भ त र लग ] १७. (११, १२) विमानिनि [स भ र ल ग ] [म न ज र । १७. (११, १०) असुधा [स भ र ल ग ] [म स ज ग ] १७. (११, १०) सुन्दरी [स भ र ल ग ] [स स ज ग ] १७; सुरमालिका
१७; वियोगिनी-१७. (११, ११) अयवती [सम न लग] [त न त ल ग ] १७; (११, १२) मालभारिणी स स ज ग ग ] [सभ र य ] १०, २०; नितम्बिनी
११; उपोद्गता-१७. वसन्तमालिका-१७. परिश्रुता-१७, सुबो
धिता-१६, प्रिया-१९ (११, १२) हरिलुप्ता [स स स ल ग ] [स भ भ र (१२, १२) शंखनिधिः [ज त ज र ] [त त ज र ] १९; सुनन्दिनी-१९. (१२, १२) विपरीतभामा ज भ सय ] [तभ सय १९. (१२, ३) शिखण्डि [ज र ज र ] [र. ] १०.