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________________ ४६४ ] वृत्तमौक्तिक-चतुर्थ परिशिष्ट (घ.) शाक , छन्द-नाम प्रति चरण-वर्ण लक्षण विशेष रण , १२(१४) ज.र.ज र. १, ३, ५, ७, ९, ११वां अन्तिम चरण में-ज.भ ल.ज वर्ण श्लिष्ट; पद - संख्या भ.ल. ऐच्छिक होती है। वीर १२ म.भ.न.न. १, २, ३, ४, वर्ण श्लिष्ट; पद-संख्या १२ भभ.र.ल. ५वां वर्ण श्लिष्ट, ७, वां वर्ण दीर्घ; दूसरा वर्ण मधुर; मातङ्ग खेलित, १० र.र.य.ल. र.र.य.ल. ५, १०वां वर्ण श्लिष्ट या मधुर; ५वें वर्ण पर भंग और मैत्री; १, ३, ६, ८वां वर्ण दीर्घ; पद - संख्या ऐच्छिक; उत्पल , ६(१२) भ.भ. २, ५वां वर्ण श्लिष्ट; पद मतान्तरे-भ.भ.भ.भ. संख्या ऐच्छिक; गुणरतिः ७(१४) स.न.ल. ३ रा वर्ण दीर्घ; पद-संख्या मतान्तरे-स.न.ल.स न.ल. ऐच्छिक कल्पद्रुम ॥ त.ज.य. २. ३, ६, ९वां वर्ण श्लिष्ट; स्वां वर्ण श्लिष्टपर; पद संख्या ऐच्छिक कन्दल भ.भ. २ रा वर्ण मधुर; ५वां वर्ण श्लिष्ट; अपराजित, भ.स.ज.ग्र ल. २ रा वर्ण मधुर; ६, ८, १०वां वर्ण दीर्घ; नर्तन , स.स.र.ल.ल. ४, ७वां वर्ण श्लिष्ट; ८वां वर्ण मधुर; तरत्समस्त, ज.म.स.ल.ल. ३,५६ वर्ण श्लिष्ट, संश्लि ष्ट एवं मधुर; न.य.ल ल.ल.ल. ७वां वर्ण श्लिष्ट ; ५, ६, वर्ण दीर्घ. अस्खलित त.र.भल. ३,५,७,८वां वर्ण संश्लिष्ट; प्रथम वर्ण दीर्घ पल्लवित, भत.न.ल.ल.ल.ल. २ रा वर्ण शिथिल या मधुर, ४, ५वां वर्ण दीर्घ ६ भ.भ. वेष्टन "
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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