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वृत्तमौक्तिक-पञ्चम परिशिष्ट
लक्षण
प्रस्तार- छन्द-नाम संख्या
सन्दर्भ-ग्रन्थ-सङ्कताङ्क
७०१. नीला ७२०. सौरभवद्धिनी ७२८. भुजाहारिणी ७३१. अच्युतम् ७३२. विदुषी
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तन र ल ग न य स ल ग न र स ल ग र स स ल ग
स स स ल ग
१७. १७. १७. १७, १६. १०; उपचित्रम्-१७, १४; सुचित्रं१७; नरेश:-१७. १७. १७. १५ टी०; उपदारिका-१७. १७.
१७. १७.
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७३६. सम्मदमालिका न स स ल ग ७४२. कनककामिनी ज त स ल ग ७४७. द्रुता
र ज स ल ग ७४८. दारिका
स ज स ल ग ७४६. मालविका
त ज स ल ग ७५०. नाभसम्
ज ज स ल ग ७५१.
सौभगकला भ ज स ल ग ७५२. . वीवधः
न ज स ल ग ७५३. प्राशापादः म भ स ल ग ८००. भुजलता
न स त ल ग ८२०. हरिकान्ता स भ त ल ग ८२३. कलस्वनवंशः भ भ त ल ग ८३२. मदनया
न न त ल ग ८७८. खटका
ज ज ज ल ग ८७६. शल्कशकलम् भज ज ल ग ८८५. उत्थापनी
त भ ज ल ग कुशलकलावतिका मन ज ल ग ८६५. अर्थशिखा भन जल ग ६२८.
निरवधिगतिः न सभ लग ६६..
दामघटिता न न भ ल ग ६६४. विमला
स मन ल ग ९७६. कमलदलाक्षरी न य न लग ९८५. सामपदा
म स न ल ग १०२१. मुखचपला
त न न ल ग ११७१.
र र रगल १२१३. कामुकलेखा मम स गल १३१७. संश्रयश्री:
ततत गब
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१७. १७.
१०, जिलाशया-१७. १७.
८८६.
१७. १७. १०. १०; रुचिरमुखी-११; समित्-१७. १७. १०. १७.
गम्भारि
१७.