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वृत्तमौक्तिक-पञ्चम परिशिष्ट
प्रस्तार- छन्द-नाम संख्या
लक्षण
सन्दर्भ-ग्रन्थ- सङ्केताङ्क
म भ र य सभ र य . भ भ र य
१७. १०; महेन्द्रवज्रा-१६; शिविका-१६.
१७.
१७.
६८६. पुण्डरीकम् ६६२. बधिरा ६९५.
वलभी ७१६. केकीरवम् ७३३. कोल: ७३७. लोढालर्कः ७४१. वनिताविलोकः ७४२. कुमुदिनीविकाश: ७५३. वसन्तहासः ७५७. श्रुतिः ७५८. स्मृति: ७८३. सिक्तमणिमाला ७८४. विद्रुमदोला ८१७. सुखशलम् ८२०. करमाला ८३२. विजयपरिचया ८६५. कासारकान्ता ८७७.
माया ८७८. परिलेखः ८७६. वरत्रा ८८१. कुम्भोध्नी ८८४. शरमेया ८८५.
नीरान्तिकम् ८८८. कलहंसा
१७; श्वेतमणिमाला-१७. १७.
स य स य ज स स य म त स य त त स य ज त स य म भ सय त भ सय ज भ सय भ य त य न य तय म भ त य सभ तय न न त य म त जय त ज जय ज ज जय भ ज ज य म भ ज य सभ जय त भ जय
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१७.
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१७; धारी-१७. १७.
१७.
१७. १७. १०, १६; द्रुतपदम्-१७; द्रुतपदा-४, ११, १६; मुखरम्-११. १७.
८१२. ८९३. ८६४, ८६५. ९७१.
अदितपादम् परितोषा छलितकपदम् उपधानम् पथिकान्ता कुमुदिनी
र न जय स न ज य तन जय जन जय भन जय र यन य
१७. १७. १७. १०, कुमुदविभा-३; तथा ३ के अनुसार 'न य.र.य.' लक्षण भी हैं। १७.
६६१.
अर्पितमदना
भस नय