Book Title: Vruttamauktik
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishtan

View full book text
Previous | Next

Page 619
________________ ४८६ ] वृत्तमौक्तिक-पञ्चम परिशिष्ट प्रस्तार- छन्द-नाम संख्या लक्षण सन्दर्भ-ग्रन्थ- सङ्केताङ्क म भ र य सभ र य . भ भ र य १७. १०; महेन्द्रवज्रा-१६; शिविका-१६. १७. १७. ६८६. पुण्डरीकम् ६६२. बधिरा ६९५. वलभी ७१६. केकीरवम् ७३३. कोल: ७३७. लोढालर्कः ७४१. वनिताविलोकः ७४२. कुमुदिनीविकाश: ७५३. वसन्तहासः ७५७. श्रुतिः ७५८. स्मृति: ७८३. सिक्तमणिमाला ७८४. विद्रुमदोला ८१७. सुखशलम् ८२०. करमाला ८३२. विजयपरिचया ८६५. कासारकान्ता ८७७. माया ८७८. परिलेखः ८७६. वरत्रा ८८१. कुम्भोध्नी ८८४. शरमेया ८८५. नीरान्तिकम् ८८८. कलहंसा १७; श्वेतमणिमाला-१७. १७. स य स य ज स स य म त स य त त स य ज त स य म भ सय त भ सय ज भ सय भ य त य न य तय म भ त य सभ तय न न त य म त जय त ज जय ज ज जय भ ज ज य म भ ज य सभ जय त भ जय ~ ; ; ~ १७. ; ~ ; १७; धारी-१७. १७. १७. १७. १७. १०, १६; द्रुतपदम्-१७; द्रुतपदा-४, ११, १६; मुखरम्-११. १७. ८१२. ८९३. ८६४, ८६५. ९७१. अदितपादम् परितोषा छलितकपदम् उपधानम् पथिकान्ता कुमुदिनी र न जय स न ज य तन जय जन जय भन जय र यन य १७. १७. १७. १०, कुमुदविभा-३; तथा ३ के अनुसार 'न य.र.य.' लक्षण भी हैं। १७. ६६१. अर्पितमदना भस नय

Loading...

Page Navigation
1 ... 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678