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४४०४]
वृत्तमौक्तिक-चतुर्थ परिशिष्ट (ख.)
क्रमांक छन्द-नाम
लक्षण
सन्दर्भ-ग्रन्थ-सङ्कताङ्क
१४५. वासन्ती १४६. लोला १४७. नान्दीमुखी
[म.त.न.म.ग.ग.] [म.स.म.भ.ग.ग.] न.न.त.त.ग.ग.]
१४८. वैदर्भी
[म.भ.न.य ग.ग.]
१, १५, १७. १, १३, १५, १७; अलोला-१०, १७. १, ५, १५, १७; नन्दीमुखी-११, वसन्त:१०, १६. १, १४; कुटिला-२, १४; कुटिलं-१०, १४; हंसश्यनी-११; हंसश्यामा-१६; मध्यक्षामा-१४; चूडापीडम्-१७. १, इन्दुवदना-१, १३, १७; वरसुन्दरी-२; स्खलितम्-१०, वनमयूरः-११, १६% इन्द्र वदना-१७; विलासिनी-२२%B १० में 'भ.ज.स.न.ल.ग.' लक्षण है। १; शरभा-३.
१४६. इन्दुवदनम्
[भ.ज.स.न.ग.ग.)
१५०. शरभी १५१. अहिधतिः १५२. विमला
[म.भ.न.त.ग.ग.] [न,न.भ.ज.ल.ग.] [न.ज.भ.ज.ल.ग.)
१५३. मल्लिका १५४. मणिगणम्
[स.ज.स.ज.ल.ग.] [न.न.न.न.ल.ल.]
१; तिः-१०; मणिकटकम्-११. १६; प्रमदा-१४. १, मञ्जरी-१४; कुररीरुता-१७. १, अकहरि-१७; अकुहरि-१७.
पञ्चदशाक्षर छन्द
१५५. लीलाखेलः [म.म.म.म.म.]
१५६. मालिनी
न.न.म.य.य.]
१५७. चामरम्
[र.न.र.न.र.
१, १५; सारंगिका-१, ६; सारंगी-१२, १६, १७, कामक्रीडा-१०. १४, १७ लीलालेखः-१७; न्योति:-१६; मित्रम्-१६. १, २, ४, ५, ६, ७, ८, ६, १०, १२, १३, १५, १६, १७, १८, १९, २०, २२; नान्दीमुखी-३, ११, १. ६, १२, १६, तूणकम्-१, १०, १५, १७; तोणकम्-५; तोटकं-७; पंचयामलं-१७; महोत्सवः-१९. १, १७; भ्रमरावली-१, ६, १२, १६. १, ६, १२; मणिहंस:-१७, पदहंसकम्-१६. १, ६. १२, १६, १७; शशिकला-१, ५, ६, १०, १३, १५, १७, १८, १९; मणिगुणनिकर:-१, २, ४, ५, ११, १३, १५, १७
१५८. भ्रमरावलिका [स.स.स.स.स.] १५९. मनोहंसः [स.ज.ज.भ.र.]
१६०. शरभम्
नि.न.न.न.स.]