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ततः पितामहो वाणीम् VII. II0.8a । ततः प्रज्वालयित्वाग्निम् VII. 34.42a ,, पितुस्तद्वचनं निशम्य V. 48.15a ,, प्रणम्य शिरसा I. 12.2a. ,, पुत्रकृतस्नेहात् VII. 33.2a
,, प्रणिहिताः सर्वाः IV. 25.34c ,, पुत्रद्वयं वीरः VII. I08.gc
,, प्रतिष्टितो विष्णुः VII. III.2a ,, पुनरुपागम्य V. 67.5a
,, प्रतीत प्लवतां वरिष्ठम् IV. 65.35a ,, पुनर्दशग्रीवः V. 58.124c
,, प्रतेरतुर्यत्तो II. 55.18c ,, पुरस्तात्सहसा विनिःसृतः 1I. 14.67a ,, प्रत्युषसि प्राप्ते VI. I0.1a , पुरुषशार्दूल: II. 32.23a
,, प्रदक्षिणं कृत्वा II. II3.I9a ,, पुरुषसिंहानाम् II. I05.1a
,, प्रदक्षिणीकृत्य 1. 76.240 ,, पुलस्त्यः शुश्राव VII. 33.IC
., प्रदानं राक्षस्या: VII. 12.IC ,, पुष्करिणीं वीरो III, 73.IIa
,, प्रदीप्तलाशूल: V. 56.6a , पुष्पकमादाय VI. 47.12a
,, प्रदुद्रुवुः सर्वे VII. 14.30a , पुष्पकमारोप्य VI. 47.14a
,, प्रबुद्धो भरतः II. 81.a , पुष्पबलिं कृत्वा III. 15.25a
,, ,, राजा तु VII. 55.18a , पुष्पातिभाराग्रान् IV.53.4a
,, प्रबोधिता भेर्यः VI. 42.34a ,, पूता भविष्यति VII. 30.43b ,, प्रभातसमये II. 77.4a ,, पूर्व ब्रवीमि ते I. 13.22d
, II. 79.1a ,, पूर्व दिशं भित्त्वा I. 40.17a
,, प्रभातां रजनीम् II. 14 25a ,, पूर्वेण तो गत्वा III. 69.8a
प्रभाते जनक: I. 70.1a ,, पूर्वे पुनर्वासम् VII. 74.21c
,, विमले I. 24.1a पैतामहं वीरः V. 48.36a
,, ,, I. 45 5a पौर जनः सर्वः II. 6.10a
, , , I. 65.1a , पौलस्त्यसचिवाः VI. 92.1a
,, ,, VII. 60.2a ,, प्रकृतयः सर्वाः IV. 26.20c
,, ,, ,, VII. 68.2a ,, प्रकृतिमान्वैद्यः II. 77.21a
,, प्रभृति काकुत्स्थ VII. 81.19c ,, प्रकृतिमापन्नः VI. 91.27a
,, ,, यक्षोऽसौ VII. 15.15a ,, प्रगृह्य दीप्तानाम् VII. 27.48a. ,, ,, सर्गाश्च VII. 94.16a ,, प्रचक्रमे वक्तुम् II. 55.3a
,, प्रमाथी रभसः VI. 89.48a ,, प्रचलिताश्वेन VI. 56.6a
,, प्रमुदिताः सर्वे I. II.27c ,, प्रचुक्रुशुर्दीना: II. 65.20a
,, प्रयत्नः परमो विधीयताम् VI. 28.42c ,, प्रचोदिता भूतैः III. 64.8a
,, प्रयातः सहसा VI. 95 34a. ,, प्रजग्मुः प्रशमं मरुद्गणाः VI. 108.32a ,, प्रयाते जनके VII. 38.8a ,, प्रजविताश्वेन VI. 95.42a
,, प्रवर्त्यतां यज्ञ: I. Co.8a ,, प्रजाभिः सहितः प्रजापतिः VII. 35.64a , प्रविविशुः शेषाः II. I.49c ,, प्रजाः सगन्धर्वाः VII. 35.53a , प्रविशतस्तस्य VII. 28 4a.
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