________________
वस्त्राण्याभरणानि च VI. 121.2b
6d
"
वस्त्रान्तेन प्रमार्जयत् IV. 7. 15d
"
ور
">
वराङ्गना III. 55.32d वस्त्रान्ते नावबुध्यसे III. 50.17b वापकर्षणेनेव V. 1.720 वस्त्रेणाहर्तुमिच्छसि III. 47.43d वस्त्रेणैकेन वानरः IV. 10.26d वस्त्रेष्वाभरणेषु च II. 77.15b वस्त्रेण जयतां वरः II. 72.21d वस्त्रैश्च विविधैरपि VII. III.1gb सर्वैः सहितैर्विधानैः II. 37.36c वस्वोकसारप्रतिमाम् V. 3. 12a वस्वौकसारां नलिनीम् II. 94.26a वहता हव्यमत्यन्तम् V. 1. 166a वहतां तं ममात्मजाम् II. 42.14b वहत्वयमलं तावत् III. 3.22c वहन्त इव दृष्टिभिः V. 61.4d वहन्तं किं तुदसि माम् II. 36.14a राघवं रणे VI. 59.131d
"
"3
ލމ
वहन्ति यत्कुण्डलशोभितानना V. 8.7a
"
वर्षन्ति नदन्ति भान्ति IV. 28.27a वहन्तो जवना रामम् II. 45.14a वहन्त्यो जनमारूढम् II. 89.16c वहन्परमदुर्धर्षम् VI. 86.27c वहमानोऽगमद्वाली VII. 34.31c वहमानो दशाननम् VII. 34.29d
महाहरिः VII. 34.3ob मानौ ददर्शोर्व्याम् II. 74.15c वह वैश्रवणं देवम् VI. 127.600
सौम्य त्वमेव त्वम् VII. 41.7c भरमीदृशम् VI. 57.6d वर्लोकस्य संयानम् VII. 41.8c वह्निर्येनाभितर्पितः IV. 5.4b वह्यालयं वैश्रवणालयं च VI. 74.56a
Jain Education International
१०३२
वंशकर्तारिसूदनः II. 110.22b वंशचमैकृतस्तथा II. 80.3b वंश प्रतिष्ठान करा: III. I0c वंशस्यास्य गतिं मम VII. 51.gd हिताय न: VII. 57.8d वंशस्याह गतागतम् VII. 51.23b वंशे सालकटङ्कटे VII. 8.23d स्थास्यति दुर्मतेः VII. 59.16b शैव बहुभिरृतम् V. 56.34b वंशोऽपि भवतस्तुल्य: VII. 59.16c वाक्पाविन्दुना सह I. 18.gd वाक्यज्ञस्तत्त्वदर्शनः VII. go.ob वाक्यज्ञं पवनात्मजम् IV. 3.36d मधुरैर्वाक्यैः IV. 3. 27 वाक्यकोविदः VI. 11.97b
"
22
वाक्यज्ञा रोषमूर्च्छिता II. 14.20d
वाक्यकोविदम् I. 33.15d
33
वाक्य शैक्यकोविदैः I. 41.11b
37
वाक्यज्ञो मुनिपुंगवम् I. 67.20d
">
22
"
""
27
""
वाक्य कुशलम् II. 113. IIc
VI. 17.30C
18.20c
वाक्य कोविदम् I. 51.1od
58.17b II. 31.18d वाक्यमग्राम्यपदवत् VI. 37.60 वाक्यमद्भुतदर्शनम् VII. 82.8b
"
""
"
"
वाक्यकुशल: IV. 3.24c
For Private & Personal Use Only
""
23
ار
""
"
91.8b वाक्यमद्भुतविस्तरम् I. 19.1b वाक्यमन्वर्थमर्थज्ञः III. 73. IC वाक्यमप्रतिरूपं तु III. 45.29 वाक्यम प्रतिकूलं तु III. 40.roa वाक्यमर्थवदब्रवीत् IV. 64. 14d वाक्यमर्थवदर्थवत् V. 60.14d
www.jainelibrary.org