Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 1011
________________ सत्यमत्रं महाबाहुः I. 27.1ga सत्यमागमयोगेन VI. 28.16a सत्यमाश्रित्य च मया II. 14.30 सत्यमाह गुस्न II. 38. 3d सत्यमिष्टं हि मे सदा III. 10. 18b सत्यमूलानि सर्वाणि II. 109.13 सत्यमेकपदं ब्रह्म II. 14.7a सत्यमेतच्छ्रुतं च मे VII. 30.54d aaazgong à VI. 19.19d सत्यमेतद्ववीमि ते VI. 4.2d "1 "" सत्यमेतद्रघुश्रेष्ठ VII. 35.15a सत्यमेव न संशयः I. 37.6d भजेत्ततः II. 109. ard हि मेनिरे II. 109.rib सत्यमेवाक्षया वेदाः II. 14.7c सत्यमेवानृशंसं च II. 109.1oa सत्यमेवाभिधीयताम् V. 63.2d सत्यमेवेश्वरो लोके II. roga सत्यरूपं तु तद्वाक्यम् II. 57.23a सत्यवन्तमनुव्रताम् II. 30.6b सत्यवन्तं सत्यकीर्तिम् I. 28.4a सत्यवाक्यमनावृतम् VII. 98. 1gd सत्यवाक्यो दृढव्रतः I. 1. 2d सत्यवाक्स महाबाहो VI. 111.7IC सत्यवाग्भवतु द्विजः II. 29.1id सत्यवाग्भव राजेन्द्र VII. 25.43c सत्यवाकीलवः शुचिः III. 4.2b در " "" 23 VII. 96.17d " वः VII. 60.14c "" " " सत्यवाञ्शीलवान्दान्तः VII. 3.2a सत्यवादी च राघवः II. 2.32d जितेन्द्रियः I. 57. rod तपोधन: IV. 48.xxd " Jain Education International 47.11d 69.20b १९७६ सत्यबादी दृढव्रतः II. 13.3b मधुरवाक् V. हि लोकेऽस्मिन् II. 10g.rrc सत्यवादे स्थितः पितुः II. 107.8d सत्यविक्रमयुक्तेन IV. 27.420 सत्यव्रतपरायणा II. 26.37d सत्यशील तवाश्रमे II. 54.37b सत्यश्चात्र प्रवादोऽयम् II. 35.28a सत्यश्चासीद्वरस्तव V. 1. 158d सत्यसन्धमरिन्दमम् IV. 64.15d सत्यसन्धस्य वीरस्य I. 17.2a सत्यसन्धं नृपोत्तमम् I. 47.8b در " " " " महाभागम् III. 47.34c सत्यसन्धः परिज्ञातः III. 56.2c शुचिर्भूत्वा II. 70.4 सतां श्रेष्ठः II. 75.21c " " शत्यसन्धेन रामेण I. 3.5c सत्यसन्धे महात्मनि II, III.3od सत्यसन्धो जितेन्द्रियः I. 1.3gd सत्यसन्धो महातेजा II II.16a " دو महायशाः II. 73.6b ,, विनीतश्च III. 72.13c सत्यसन्धो महाभाग IV. 31.45a सत्यस्त्वं भव पार्थिव II. 34.43b सत्यस्थं भरत चराम मा विषीद II. 107.19d सत्यस्य च शमस्य च II. 21.40d सत्यं च धर्मं च पराक्रमं च II. 109.3ra भवतां सदा VII. 38.22b मां कुरुष्वाद्य VII. 22.45c " " " 34.29c महाबलः II. 48.3ob महेष्वासः II. 2.4IC " तु प्रतिजानामि IV. 7.3a " ते ور VII. 9.15a " दानं तपस्त्यागः II. 12.30d धर्मः कृतज्ञता II, 12.33d For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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