Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 1020
________________ १९८५ सपुत्रं सहबान्धवम् VI. 50.25b सपुत्रः पुरुषोत्तमः II. 44.2b ,, सविभीषण: VII. 25.16b ,, ससुहृज्जनः IV. 32.21b ,, सहबान्धवः IV. 31.50b सपुत्रा कारयिष्यसि II. 12.75d , , , , 93d ,, त्वं तथा कृता II.7.28d स पुत्रान्संपरिष्वज्य VI. 69.15a सपुत्रामात्य बान्धवः VII. 38.24b सपुत्रामात्यबान्धवे V. 39.45b , ,56.20b सपुत्रा सह बान्धवैः II. 33.25b सपुत्रां त्वां त्यजामीति VI. II9.25a ,, न स्पृशेत्प्रभो VI. 119.25d सपुत्रे सहबान्धवे VII. 41.6d सपुत्रो येन सङ्ग्रामे VII. 30.54c स पुनस्त्वपरान्सप्त III. 28.16a ,, पुनः पतितां दृष्ट्वा III. 21.la ,, पुमान्स्वर्गमृच्छति VI. 92.9f ,, पुरा दिव्यसंकाशः VII. 70.9a ,, पुरोगामिभिस्तूयः VI. I28.37a सपुरोधाः समाहितः I. 18.42d स पुष्पकं तत्र विमानमुत्तमम् V. 8.8c सपुष्पकुशसस्तरः VII. 32.6b सपुष्पमवकर्षन्तम् V. 18.24c स पुष्पवर वकीर्यमाण: VI. 65.36a ,, पुष्पाकुरकोरकाः II. 59.4d ,, पूज्यमानो रक्षोभिः VI. I0.10a , पूरयन्खं च महीं च साचलाम् V. 47.7a ,, पूरयामास कपिः V. 57.15c ,, पूर्वजं तीवविवृद्धकोपम् IV. 30.85a ,, पूर्वजायावरजः शशंस VI. II.28a ,, पूर्व बद्धवैरो माम् IV. 53.18c ,, पृष्टो राजपुत्रेण VI. 71.26a स पृष्टो राजपुत्रेण VI. I26.4a सप्तच्छदानां कुसुमोपगन्धी IV. 30.30a सप्तजातिशतान्येव I. 59.19a सप्ततिं योजनान्यहम् IV. 65.8d सप्ततिः पर्युपासते VI. 26.45b सप्तधा तु कृते गर्भे I. 47.1a ,, , भवेन्मूर्धा II. 64.24a ,, शकलीकृतः I. 47.2b सप्तपर्णवनानि च IV. 49.17b सप्तपर्णातिमुक्तकैः VII. 42.4b सप्तपणैः सुपुष्पितैः VI. 39.4b सप्तवाणान्मुमोच ह III. 3.IIb सप्तभिस्तमजिह्मगैः VI. 67.1231 सप्तभिस्तु महावीर्यः VI. 73.44a सप्तभिः कायभेदनैः VI. 76.55b ,, सकलेवराः IV. 13.1gd सप्तभूमि विवेश ह IV. 12.3d सप्तभौमाष्टभौमैश्च V. 2.50a सप्तमन्त्रिसुतानपि I. I.756 सप्तमी चान्वगात्तासाम् I. 43.14a सप्त योत्स्यामहे परान् VI. 37.34d सप्तराज्योपशोभितम् IV. 40.30b सप्तरात्रं कृतः संख्ये VII. 22.15c " तु काकुत्स्थः VII. 72.1ga , भविष्यति VII. 81. Iod , मया सह VII. 72.17b , महाभीमम् VII. I0I.5c सप्तरात्रे कृताहाराः IV. 13.Iga सप्तरात्रेण राजासौ VII. 81.7a सप्तरात्रोषितः पथि II. 71.18d , ,, VII. 66.15b सप्तर्षयो दीप्तिमन्तः I. 14.27c , नारदश्च II. 25.IIC सप्तर्षीनपरान्युनः I. 60.21b सप्तवर्ग च तत्त्वतः II. 100.68b Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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