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वसिष्ठं वामदेवं च VII. 74.2c
" , , , 91.2a ,, विनयान्वितम् I. 52.Iod ,, शप्तुमारेमे VII. 65.29c ,, स समाहूय I. 57.12c वसिष्ठः कश्यपोऽथात्रिः VII. I.5c
क्षिप्रमाचक्ष्व II. 14.33c ,, परमप्रीतः I. 18.22c ,, , II. 14.31c ,, पुनरेव हि I. 52.18b ,, पुरतः कृत्वा II. 104.Ia
पुरुषर्षभम् VII. 65.34d
प्रत्युवाच ह II. 68.1b " , , , IIO.Ib , , , ,, II3 IIb ,, श्रेष्ठवागृषिः II. 76.Id
, स तदा रामम् II. III.Ia वसिष्ठादिभिर्ऋत्विग्भिः II. 90.19a वसिष्ठाद्राजसत्तमः I. 52.4b वसिष्ठाय च धीमते I. 14.52b
, महर्षये I. 13.32b वसिष्ठे जपतां श्रेष्ठे I. 56.13a वसिष्ठेन महात्मना I. 52.2b
, , 55-5b
| वसिष्ठो जपतां वरः I. 52.20b
" , , ,, 55.26b " , , ,, 65.25b वसिष्ठोऽपि महातेजाः I. I0.15a
, VII. 55.IIC वसिष्ठो ब्राह्मणः सुतः I. 52.6d
" , ,, VII. 55.15b , ब्राह्मणैः सह VI. I28.59b , भगवानृषिः I. 58.4b " , 69.Iod
,70.18d ___ " ,73.19d
__VII. 55.13d __ " , 65.30b भगवानेत्य I. 73.10c भगवान्क्रोधात् I. 56.2c
भरतश्चैनम् II. 90.8a , भरतं वाक्यम् II. 77.21c ,, मुनिपुंगवः I. 53.Iod , " , 73.24d , मुनिसत्तमः II. 3.70
मे यथाक्रमम् I. 70.18b राजधर्मवित् II. 81.9b राजसत्तमम् I. 52.5d वाक्यमब्रवीत् I. I3.I9d
" , 22.5d
, II. 37.21d " , , 68.4d
____VII. I07.9d ,, वामदेवश्च I. 7.4c
" ,69.4a
, II. II3.2a " , VII. 96.2a , विजयश्चैव VI. 128.6oa
» »7b
, , 57.13b , , ,, ,, 18b , ,, I. 73.13b
, VI. 128.67b वसिष्ठेन सुतर्पितम् I. 53.5b वसिष्टेनाभ्यनुज्ञाता II. 68.IIC वसिष्टेनैवमुक्तस्तु II. 53.16c वसिष्ठो गुणसंपन्नः II. 14.26a ,, प्रसते सर्वम् I. 56.16c ,, जनसंवृतम् II. 5.15d
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