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पुनरेव महामतिः I. 16.29b ,, मुमोह सा V. 32.4d
, वचोऽब्रवीत् IV. II.73d पुनरेवागमत्क्षिप्रम् VI. 34.15c पुनरेवागमन्द्रीमान् VII. 67.15c पुनरेवागमनूर्णम् VII. 69.35c पुनरेवाङ्गदः प्राह IV. 64.21a पुनरेवाजगाम ह III. II.28b पुनरेवाथ तं रामः VI. 99.39a पुनरेवापरं वचः II. III.Id , वाक्यम् I. 38.IC
, VII. 64.IC पुनरेवाब्रवीत्प्रीत: IV. 6.1a पुनरेवाब्रवीदिदम् II. 7.33d पुनरेवाब्रवीद्वचः II. 74.Id
, III. 5 34d पुनरेवाब्रवीद्वाव पम् II. 85.IIC पुनरेवाभ्यधावत III. 44 IIb
___VI. 89.27b पुनरेवाभ्यवर्तत III. 52.27d पुनरेवाभ्यवादयत् VI. 127.39d पुनरेवाश्रमं प्रति III. 8.16d पुनरेवोत्पतिष्यताम् V. I.91b पुनरेवोत्पपात ह VI.70.18b पुनरेवो यताः कृत्स्नाम् IV. 49.21c पुनरेष्यति ते करम् VII. 61.9d
, देवानाम् VII. 85.21c ,, राघव VII. 52.14d पुनरेष्यसि मे वशम् VII. 56.1of पुनरेष्याम्यहं पुरीम् II. 21.47b पुनर्गच्छति वानरः VI. 26.24d पुनर्गत्वा त्वयोध्यायाम् III. 9.28c पुनर्गत्वा निवृत्तश्च III. 42.25a पुनर्जगाम ब्रह्मर्षिः VII. 58.24c पुनर्जग्मुर्यथागतम् I. 8.21b
पुनर्जग्मुर्यथागतम् I. 12.21b
, I. 40.5d पुनर्जनमवाङ्मुखम् II. 14.18d पुनर्जातं तदा मेने I. 77.5c पुनर्जातमिवात्मानम् VI. 65.15c
" , 69.8c
, ,, 74.25c पुनदुर्लभसंस्पर्शम् VI. III.45a पुनदृष्टा च वैदेही V. 58.165c पुनर्देहेन संयोगम् VII. 56.2c
" , , 57.2c पुनर्द्रक्ष्यसि कल्याणि II. 44.22c
, मां प्राप्तम् II. 34.53c पुनर्द्रक्ष्यामि मात्रा च II. 50.3c पुनर्द्रष्टुं नरेश्वरम् II. 4.8d पुनधैर्य समादधुः VII. 7.26b पुनर्नदन्तो गच्छन्ति III. 64.20a पुनर्न निश्चयः कार्यः II. 45.26a
, शकिता नेतुम् I. 44.IIC पुनर्नष्टं मनो मम VI. I.I6d पुनर्नावमुपारुहत् VII. 48.22d पुनर्निवृत्ता विस्तीर्णा II. II3.20c पुनर्निवेश्यैव चमू महात्मा II. 98.18d पुनर्नृपाणां कदनं चकार VII. 33.23c पुनर्नोवाच किंचन II. 99.38d ___ " , III. 56.23b
, IV. 3.24d पुनर्बाल्यमुपेयुषः II. 21.7b पुनर्मध्येन सागरम् V. 56.25b
,, , V. 57.13b पुनमन्त्रममन्त्रयत् IV. 64.IId पुनर्मार्गामहे शैलान् IV. 49.13a पुनर्मां स द्वितीयेन VI. 12.38a पुनर्मुक्तो महाबल: VII. 33.2Id पुनर्यत्रैकता प्राप्तः VI. 6.13c
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