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प्रजानां पार्थिवात्मजः II. I.Igb
, , ,, I31d , पालनं कुर्वन् I. 7.21c ,, प्रभुरीश्वरः I. 42.14d
, भक्षणं चापि VI. 6I.Igc प्रजानामनघं रामम् II. 49.7c प्रजानामहितान्दृष्ट्वा III. 24.2c प्रजानामहिताय सः VII. 35.48d प्रजानामहितावहः VI. 102.33b प्रजानामहिते रतम् III. 32.21b
, स्थिता II. 37.28d प्रजानां संकुलं वृत्तम् II. 52.43c
, सुबहून्यपि VI. 61.13d प्रजा निक्षिप्य पुत्रेषु II. 23.26c प्रजा नित्यमनिद्रेण II. 2.6c प्रजान्वीक्षिकया बुद्धया VII. 3.4c प्रजापतिकुलोद्भवम् VII. 9.12b प्रजापति पुरस्कृत्य VII. 22.17c
,, , , 30.IC प्रजापतिः पुरा सृष्ट्वा VII. 4.9a प्रजापतिमिव प्रजाः VI. 54.15d
" , ,, 90.17b प्रजापतिमिवामराः VII. 83.IId प्रजापतिमुपादाय I. 5.Ic प्रजापतिरथाब्रवीत् VII. I0.43d प्रजापतिरिव प्रजाः II. I.47d प्रजापतिरिवात्मजान् II. 34.24d प्रजापतिरिवापरः I. 60.20d प्रजापतिसमप्रभः V. 23.7d प्रजापतिसमः श्रीमान् I. I.I3a प्रजापति समाधावन् VII. 35.53c प्रजापतिसमो ह्यसि VII. 37.5d प्रजापतिसुतत्वेन VII. 2.6a प्रजापतिसुतः प्रभुः VII. 24b प्रजापतिसुतं वाक्यम् VII. 87.1ga.
प्रजापतिसुतं वीरम् VI. 74.14c प्रजापतिसुतः श्रीमान् VII. 89.9c प्रजापतिसुतस्त्वासीत् I. 5I.I8a प्रजापतिसुतस्य वै VII. 89.2a प्रजापतिसुतासुताः I. 21.14b प्रजापतिसुते कथाम् VII. 90.3d प्रजापतिसुतो बली VII. 90.23b प्रजापति सुराः सर्वे VII. I0.36a प्रजापतिस्तु तां प्राप्ताम् VII. I0.42c
, तान्सर्वान् VII. 4.Ila प्रजापतीनां षण्णां तु V. 23.6a प्रजापतेः कृशाश्वस्य I. 26.29c
, पुत्र इति VII. 2.5c प्रजापतेस्तु दक्षस्य III. 14.10a
, पौत्रस्त्वम् VI. 67.58a प्रजाः परमपीडिताः II. 33.13b प्रजापालनकर्मणि II. 4.35b प्रजापालनसंयुक्त: II. 2.44c प्रजाः पालयसे राजन् I. 52.7c प्रजापाल्यमनन्तरम् II. 23.25b प्रजाः पुनरभाषत VII. 35.58b प्रजा भयनीपिडिताः VI. 61.14b प्रजाभावगतस्नेहः II. 9.21c प्रजाभिः सह शकश्च VI. 61.18e प्रजा भूयो वितत्रसुः VI. 61.16d ,, युगान्ताग्निरिव प्रवृद्धः VI. 67.93d प्रजारक्षणकारणात् I. 25.18b प्रजा रक्षति राघवः III. I.Igd ,, रूपसमन्विता VII. 30.39b प्रजार्थे विफलो भव VII. 59.14d प्रजालंकारभूतं च II. 5.20a प्रजाः शृणुध्वं तत्सर्वम् VII. 35.59a प्रजाश्च बहुसाहस्रीः VI. 125.27a प्रजाश्चाप्यनुरज्यते II. I.14d प्रजाश्चैवानुरञ्जय II. 3.44b
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