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प्रष्टव्यो मेरुसावर्णिः IV. 42.49a प्रष्टुं कृतार्थान्सह राघवाभ्याम् V. 63.32c ,, चैवोपचक्रमे VII. I03.8d प्रष्टुमेवोपचक्रमे VII. 76.34b प्रष्टुं समुपचक्रमे I. 4I.Iod " , II. 72.1d
" , 43d
,, IOI.Id ,, , III. II.8d प्रसक्तं च परिश्रमम् II. 56.3d प्रसक्ताचमुखी त्वेवम V. 26.1a
, मन्दम् II. 29.IC प्रसक्तौ नरराक्षसौ VI. 89.Ib प्रसङ्गवानुत्तरभेत दब्रवीत VI. I0.27d प्रसज्य रामेण च वैरमुत्तमम् III. 54.300 प्रसन्नतोयासु च निम्नगासु IV. 30.32c
, सगोकुलासु VI. 30.42b प्रसन्नमनसो नृपः II. 35.26b प्रसन्नमुखवर्णश्च IV. 4.32a प्रसन्नमुदधिं यथा IV. 8.15b प्रसन्न वदनं चापि VI. 17.62c प्रसमस लिलानि च III. 8.14b प्रसन्नस लिलायुताः IV. 50.30b प्रसन्नस लिलाशयान् VI. 42.16b प्रसन्नसलिलाशयाम् IV. 4I.I4d प्रसन्नसलिलाशयाः III. II.39b प्रसन्नसलिला शुभा VI. 123.45d प्रसन्नसलिला; सौम्य IV. 30.59a प्रसन्नसलिले रम्ये III. I.7a प्रसन्नस्तु महादेवः VI. 94.35a प्रसन्नस्ते पिता राम II. 5.ga. प्रसन्नस्त्वं महाभुज VII. 25.41d प्रसन्नान्यद्भूतानि च III. 35.25b प्रसन्नाः पानभोजनम् II. I2.96d प्रसन्ना बुद्धिरव्यया IV. 18.47b का.६८
प्रसन्नामिव कान्तस्य V. 14.3IC | प्रसन्नाम्बुवहाश्चैव IV. 13.5c
प्रसन्नाश्च दिशः सर्वाः IV. 32.14c __, , ,, VI. 4.47c प्रसन्नाः सुरसाश्चापः VI. 4.53a प्रसन्नेन महात्मना IV. 4I.I6d ,, , VI. I20.3b , सुगन्धिना IV. 26.36b
, ,,. VI. 128.61b प्रसन्नेन्द्रियमानसः I. 56.24b प्रसन्नेन्द्रियमानसम् IV. 33.37b प्रसन्ने मयि मानद VI. I9.25d प्रसन्नैः पञ्चभिः शरैः VI. 76.43d प्रसन्नौ वल्कलं कश्चित् I. 4.25a प्रसमीक्ष्याधिकं बलम् VI. 12.33b प्रसमीक्ष्याभिगम्य च VI. 88.21b प्रसरं शत्रवे दिशेत् VII. 68.Igd प्रसवार्थ ततो यष्टुम् I. I3.IC
,, द्विजोत्तमम् I. 13.2c प्रसविष्यसि सुश्रोणि VII. 9.24aप्रसव्यं चापि तं चक्रुः II. 76.20a प्रसनुः शोणितापगाः VI. 93.IId प्रसहेम वयं युधि II. 86.8d प्रसह्य तस्या हरणे दृढं मनः III. 46.37c ,, ते त्वया राजन् VI. 7.I7c ,, परिगृह्यताम् V. 46.10b प्रसह्यमानः शिरसा मया स्वयम् II. 88.30a प्रसह्य युद्धं मम राक्षसैः सह V. 41.8b ,, रामेण यथार्थमिप्सितः III. 4.31b , वाक्यं यदिहाद्य भाषसे II. 12.107b , वीरैरभिगर्हणं च V. 48.47b ,, सिंहो रुदतीं मृगीमिव II. 20.50d ,, सीता खलु सा इहाहृता VI. 12.28b
, , यदि धर्षयिष्यसि III. 38.33b | प्रसादं कर्तुमर्हसि I. 36.9d
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