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धरण्यामल्पजीवितः III. 44.17b
, 51.43d धरण्यामभ्यपातयत् IV. II.45b' धरण्यां मेघसंकाशः III. 4.6c ,, रजनीचराः III. 26.32d , रावणात्मज: VI. 90.73b ,, रेणुगुण्ठितः VI. III.57b धरण्या वास वोपमम् V. 38.40d ,, विवरं महत् IV. 9.IIb ,, विवृतं बिलम् IV. 57.16d धरण्यां शरणागतम् V. 67.15d ,, समतां यातः V. 56.50c ,, समुपाविशत् V. 34.IId ,, संशितव्रताम् V. 19.5b धरते मारुतिस्तात VI. 74.23a धरयः संप्रधर्षिताः V. 63.Iod धराधरमिवाकम्प्यम् III. 29.21c धरान्तरं गतः शीघ्रम् V. 38.27c धरान्तरगतः शीघ्रम् V. 67.10c धरायां स्म व्यचेष्टेताम् II. 77.20c धरां तां कुलवर्धन: I. 14.45d धर्मकामं च केवलम् VI. I24.5d धर्मकामस्य धीमतः V. 26.38b धर्मकामार्थकृच्छ्रेषु VI. 12.7c धर्मकामार्थतत्त्वज्ञः II. I.22a
, IV. 18.7c धर्मकामार्थसहितम् I. 5.40 धर्मकामार्थसंहिता II. I00.73d धर्मकार्याणि रूपं च VI. 92.54c धर्मनः संस्पृशञ्छीतः II. 44.10c धर्मचक्रं कालचक्रम् I. 56.10a
,, ततो वीर I. 27.5a धर्मचारी महारथः III. 12.30b धर्मच्छमाभिसंवृतम् IV. 17.23d धर्मज्येष्ठ इतीव मे II. 12.17b
धर्मज्ञ इति धर्मिष्ठ II. 21.23a धर्मज्ञः कृतविद्यश्च I. 5I.I7c धर्मज्ञगुरुपूजायाम् II. 31.16c धर्मज्ञं धर्मवत्सलम् III. 6.rob
, धर्मवत्सलः VI. 128.91d धर्मज्ञ परिपालय IV. 18.48d धर्मज्ञः सत्यवाक्शुचिः II. II.16b ,, सत्यवादी च III. 16.31c , सत्यसन्धश्च I. I.I2a , , II. 2.31a ,, सह बान्धवः II. I06.25d ,, सह सीतया II. 40.2b धर्मज्ञश्च कृतज्ञश्च I. I.2c
, , IV. 16.5c ,, , V. 52.7a
, VII. 84.6a धर्मज्ञस्य कृतज्ञस्य IV. 36.16a
V. 16.18a , महात्मनः I. 8.1b " , I. 21.Igb " , I. 7I.I3b
, वदान्यस्य I. 15.20a धर्मज्ञस्त्वं मतो मम VII. 40.10b धर्मज्ञां च यशस्विनीम् II. 78.15b धर्मज्ञा धर्मदर्शिनी II. 37.IIb धर्मज्ञां धर्मवत्सलः II. 28.1b धर्मज्ञा धर्मवादिनी II. 70.8b
, धर्मसंहितम् I. 60.5b धर्मज्ञे जनकात्मजे III. I0.2d धर्मज्ञे धर्मचारिणि II. 26.20b धर्मज्ञेन च लक्ष्मण III. 15.29b
, जटायुषा IV. 56.12b , महात्मना II. 77.16d ,, , III. 12.12d धर्मज्ञो गुणवान्दान्तः II. 8.14a
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