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पश्यतैतद्यथाविधि II. 104.rod
पश्यतो मम का शक्ति: VI. 1014c
मे तदा राम VII. 77.15a
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यथा नष्टा VII. 98.4c युद्धलुब्धोऽहम् VI. 104fc रुचिरन्दुमान् IV. 1. 3d पश्यत्यत्यन्त धार्मिकम् II. 42.2b पश्य त्वं कुशलेन माम् II. 34.22d तनुमध्यमे II. 95. rod
प्रीतिसंयुक्तः VII. 40.8c
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, हनुमन्तं च VII. 40.3c व्यङ्गुलीयकम् V. 36.2d पश्यद्भिर्जीवितान्तरे IV. 53.1gd
पश्य द्रोणप्रमाणानि II. 56.8a पश्यध्वं पश्चिमां दिशम् IV. 42.55d मे पराक्रमम् VI. 88.6b
विपरीतस्य VII. 81.4a पश्यन्कामाभिसंतप्तः III. 75.13c पश्यन्तस्त्वरिता जग्मुः IV. 13.120
पश्यन्ति त्वां महाबल VII. 83.12b
प्राणिनो भुवि VII. 82.11b
स्म मुहुर्मुहु: VII. 94. 12d
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पश्यन्ती त्वां भजाम्यहम् II. 16.23d
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मामपश्यती IV. 30.8d
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पश्यन्तीं राक्षसीगणम् V. 15.24b पश्यन्ती विविधान्देशान् VI. 111.33a विविधान्भावान् II. 91. 18c शान्ति मेष्यसि IV. 21.11d
सिद्धयात्रं त्वाम् II. 16.40a दृतलक्षणा VI. 48.7d
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पश्यन्तु परमर्षयः III. 29.13b
विप्रा विद्वांस: VII. 69.50
वीर्यमृषयः III. 6.25c
सकला लोकात् VI. 79.150
सीताशपथम् VII. 95.13c
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पश्यन्तो वरुणावासम् VI. 4.109c विविधश्वापि II. 68.20a पश्यन्त्वय्याच सर्वशः VI. 114. od पश्यन्त्वेन वनकस: VI. 114.30d पश्यन्दाशरथेर्भार्याम् IV. 59.20a पश्यन्धातुसहस्राणि II. 113.4a पश्यन्नतिययों शीघ्रम् II. 493c पश्यन्नपि ययौ राम: VI. 4. 71C पश्यन्नमरमध्यस्थम् VII. 72.8 पश्यन्नहमवस्थितः V. 58.62d
पश्यन्निव च तां सीताम् III. 62.2a पश्यन्मायामयो मृगः III. 42.34d पश्यन्यत्तो ययौ शीघ्रम् II. 57.4c पश्यन्वनानि चित्राणि III. 11.45a पश्यन्वै विचचार ह V. II. 2gb पश्यन्सह मया कामी III. 17.280 पश्य प्रीतिसमायुक्तः VII. 40.6c ब्रह्मबलं दिव्यम् I. 56.4c भल्लातकाम्बिवान् II. 56.7a विहङ्गानि VI. 24. 12a मन्दाकिनीं नदीम् II. 95.3d
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मां कामरूपिणम् III. 494d पश्यमानस्ततो विन्ध्यम् VII. 31.1ga पश्यमानस्य सर्वतः III. 23.17d पश्यमाना महार्णवम् VI. 4. 108d पश्यमानो नराधिपः II. 3. 30b पश्यमानः समुद्रं तम् VI. 26.6c पश्य मां विवश वीर III. 69.38c मेघघनप्रख्यम् III. 74.21c तपसो वीर्यम् I. 60.13a
sa पराक्रमम् I. 76.3d
मे निशितान्बाणान् VI. 71.55a
मुद्गरं भीमम् VI. 67.1472
सुमहद्वीर्यम् V. 20.1gc
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