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पश्य रामं महाबाहुम् III. 27.2c ,, रामस्य सारथे VII. 50.2d ,, रूपाणि सौमित्रे IV. I.Ira ,, लक्ष्मण गृध्रोऽयम् III. 68.22a , ,, दुर्वृत्तान् I. 30.15a , नृत्यन्तम् IV. I.38c
पुष्पाणि IV. 1.44a यक्षिण्या I. 26.10a वैदेह्याः III. 43.25a
" , ,, 48c , , 64.39a
, IV. 6.20a ,, शीतेषुम् I. 30.20a ,, , शंसति VI. 4I.Id
संनादम् IV. 1.57a
संरागः IV. 1.42a , सर्वशः IV. 1.62b
, सांप्रतम् II. 46.Igd लागूलविक्षेपम् VI. 26.33c ,, वालिनमाहवे IV. 12.37b , विद्याधरस्त्रीणाम् II. 94.12c ,, शत्रुघ्न कानने II. 93.16d ,, ,, कैकेय्या II. 81.5a ,, ,, पर्वते II. 9r.IIb ,, शंसन्ति लक्ष्मण VI. 23.Iod ,, शीतजलां चेमाम् IV. 1.98a ,, शून्यान्यरण्यानि II. 46.3a पश्यंश्चान्या वरस्त्रियः V. II.47b
, , 12.23b पश्य संपद्यमानं तु VI. 65.3c ,, सागरमक्षोभ्यम् VI. 123.17c ,, सानुषु चित्रेषु IV. I.100e , सालवनं प्रति VI. 127.28d पश्यसि त्वं गदाधरम् III. 29.21b पश्य सीतापदेशेन IV. 56.7a
पश्यसे त्वं प्रियां क्वचित् III. 60.35b पश्य सौम्य नरेन्द्रस्य III. 2.17a पश्यस्तदवशस्तस्याः VI. I2.17a पश्यंस्तदा वाल्यनुजस्तरस्वी IV. 21. IC पश्यंस्तौ रामलक्ष्मणो IV. 2.5d पश्यात्मानं त्वमीदृशम् VII. 9.12d पश्याद्य मदाहुबलाभिभूतः VI. 74.62c
,, रामं सह लक्ष्मणेन VI. 73.5a पश्याद्यापि रघूत्तम III. 74.24b पश्यापराह्नेष्वधिकं विभान्ति IV. 28.2Id पश्याम इति राघवम् II. 57.12d पश्यामः पुरतः स्थितम् VII. 39.3d
,, सह सीतया VII. I.Igd पश्यामि जगतीतले II. 85.12b ,, त्वां न च स्वस्थम् VII. 47.8c ,, त्वामिहाक्षताम् V. 56.Id , त्वां सुखं वत्स II. 25.4IC
नगमण्डितम् V. 58.46d निधनं गतम् VII. 73.40
पुरतः स्थितम् II. 39.6b ,, पुरुषोपमम् I. 29.12d ,, प्रियदर्शन II. 26.17b ,, बहुपादपम् V. 58.55b
मनुजर्षभ II. 59.gd ,, यस्तो नरराजपुत्रौ V. 52.21b , रघुनन्दन VII. 46.14b ,, वरवर्णिनीम् V. 58.56d
विविधानि च II. 71.30b
विविधान्द्रुमान् IV. 46.14b ,, वृक्षान्सौवर्णान् III. 68.IIC ,, शरवृष्टिमिः III. 34.8d ,, सह राक्षसैः I. 20.2d , सुमनोहरम् V. 58.9d
,, हरिपुङ्गव IV. 44.3d । पश्यामीह हि कण्ठे स्वाम् III. 53.18a
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