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निमनाः शोकसागरे VII. 24.I.D निमीलित इवर्षभः III. 26.4d ., सागरान्ताश्च IV. 47. IIC निमीलिताक्षः सहसा VI. 58.42c निमनोऽपि समुद्धृतः VII. II.gd निमेज्येष्टो महीपतिः I. 66.8b निमन्त्र्यमाणः प्रतिपूर्णभाषिणीम III. 46.37a निमेहं समाहरन् VII. 57.17d निमन्त्रयस्व नृपतीन् I. I3.20a
निमेश्चेतस्तदाब्रुवन् VII. 57.14b निमन्त्रितस्त्वया भ्राता VI. I26.7c निमः शृणु यथाभवत् VII. 57.9d निमित्तं तत्र राघवः V.5I.22d
निमेषस्ते स्मृता रात्रिः VI. II7.240 निमित्तमात्रं रामस्तु V. 59.30c
निमेषान्तरमात्रेण II. II8.48a निमित्तभूतमेतत्तु V. 27.43a
IV. 39.111 निमित्तं लक्षणं स्वप्नम् III. 52.2a
, 52.30a निमित्तानि च घोराणि III. 57.10a
,, 67.24a , ,, पश्यामि VI. 2.24C
V. 62.35a " , , , 4.6a
VI. 44.19c , ,, भूयिष्टम् I. I04.17a
,, ,, 22a ,, निमित्तज्ञः VI. 23.1a
,, 45.16c ,, समन्तत: VI. 65.47d
__, 54.33a ,, हि घोराणि III. 45.34c
VII. 15.8c निमित्तानीह सौम्यानि VI. I06.35a
,, IOI.9c निमित्तान्यमनोज्ञानि II. 71.30c
निमेश्चेतस्तदाब्रुवन् VII. 57.13b निमित्तान्युत्पतन्ति च VI. 35.34d
,, ,, 15b निमित्तान्युपपश्यामि VI. 88.40a. निम्नभागांस्तथैवाशु II. 80.9c निमित्तान्यशुभानि न: VI. I0.14d निम्नेषु वनदुर्गेषु VI. 4.12a निमित्तैश्चोपलक्षितम् V. 58.163b
निम्रोत्सृष्टमिवोदकम् II. II3.16d निमिः परमधर्मात्मा I. 71.3c
निम्बं परिचरे तु यः II. 35.16b निमित्तान्युपपेदिरे V. 55.21b
नियतं जलशायिनः IV. 13.18d निमित्तान्युपलक्षये III. 69.21d
,, पद्मषट्पदाः V. 9.38b निमिषान्तरमात्रेण III. 53.23c
,, पुरुषर्षभ VII. 64.4b निमिस्तु क्षत्रियः शूरः VII. 58.3a , बुद्धिसंयुक्ताम् II. 74.13b निर्मिता विश्वकर्मणा IV. 58.20d
, भावितात्मानम् VI. 125.32a निमि राजर्षिसत्तमम् VII. 55.10b नियतः समुदाचारः V. 59.29c निमिरिक्ष्वाकुनन्दनः VII. 55.9b
,, , , 65.18c निमिश्चक्रे महायशाः VII. 55.6d नियतस्य महात्मनः IV. 5.6b निमिस्तु राजा विप्रास्तान VII. 55.12a नियतात्मा महावीर्यः I. I.8c निमीलद्भिश्च पङ्कजैः IV. 28.52b नियता नृत्यशालिनी V. I0.41b निमीलयत चढूंषि IV. 52.270
, नियताहारा II. 24.30a
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