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दीर्घकालं निवत्स्यसि VII. 53. I9d दीर्घकालमरिंदमः I. 16.4b
" , 5I. 17b दीर्घकालमरिंदम I. 24.24d दीर्घकालं प्रसुप्तस्य VII. 63.54a ,, भविष्यति VII. 5I.I9d , बुभुक्षिताः IV. 40.37d
, मम क्रोधान I. 59.22a दीर्घकालात्समुत्थाय II. 75.1a. दीर्घकालोषितरतस्मिन् II. 94.Ia दीर्घकालोषिता हीगम् VI. I 18.13c दीर्घकेश्यः सुचाङ्गाय: VII. 24.7a दीर्घगम्भीर निर्घोषाः IV. 30.23a दीर्घजिह्व सुरसया V. 1.155c दीर्घजिह्वानखामपि V. 22.35d दीघजिह्वान नास्तथा V. 17.14b दीर्घदर्शी महातेजाः I. 6.IC दीर्घबन्धुश्च राघवः IV. 29.17b दीर्घबाहुर रिन्दमः III. 16.32b दीर्घबाहुमरिंदमम् VI. 99.13b दीर्घबाहुं महाबलम् II. I3.Iob ,, महासत्त्वम् II. 3.28a
,, वनेचराः II. 42.18b दीर्घबाहुनरव्याघ्रः II. 52.69c दीर्घबाहुमहावक्षाः II. 75.48c दीर्घबाहुविशालाक्षः III. 31.5c
, 56.3c दीर्घबाहू विशालाक्षो IV. 2.20a दीर्घबाहो धृतत्रत VI. 83.43b दीर्घमायुर वाप्नुयात् V. 128. II5b दीर्घमायुर वाग्न हि VI. II).23d दीर्घमायुरवाप्स्यथ I. 32 16d दीर्घमायुरवाप्स्यसि VII. 73.13b दीर्घमायुर्मया प्राप्तम् III. 71.9c दीर्घमायुश्च ते ब्रह्मन् I. 65.20c
। दीर्घमायुश्च मे प्राप्तम् VII. 16.42c
,, विन्दति VI. 128.TOgb दीर्घमायुः स मे प्रादात् III. 71.9a दीर्घमायुस्तथैव च I. 65.22d दीर्घमायुस्तदा प्रादात् I. 62 26c दीर्घमुष्णं च निःश्वसन् II. 62.3b
,, ,, निःश्वस्य VI. 24.8a ,, ,, भामिनी II. I0.3d , विनिःश्वस्य II. 8.20c , , 9.Ic
,, 53.2a दीर्घ भवान्पश्यतु साधुवृत्तम् VI. 21.34d दीर्घलाङगूलमाश्रिताः VI. 26.27d
,, 27.2d दीर्घवृत्तभुजः श्रीमान् VI. 33.10a दीर्घसूत्राश्च वानराः IV. 37.11b दीर्घाभिर्दुमयुक्ताभि: V. 14.25a दीर्घायुभव पुत्रेति IV. 23.26a दीर्घायुश्च महात्मा च VII. 36.20a दीर्घायुषो नराः सर्वे I. 6.18a
, महात्मान: I. 47.18c दीर्वासिबद्धगोधाश्च II. 3.Igc दीर्घिकाः पुष्करिण्यश्च III. 55.Iza दीर्घिका विविधाकाराः VII. 42,IOC दीप्यमानमिवासाद्य VI. 66.26c दीर्यतः सदृशस्वनम् VI. I06.8b दुःखक्षयकरो भव V. 39.5b.
, भवेत् V. 38.62d
,, ,, ,, 39.4d दुःखजन्म विशालेन VII. 96.12c दुःख दर्शनं पितुः II. 40.42b
,, वारि नेत्राभ्याम् VI. 81.16c
,, विसृजत्यश्रु II. 44.18a | दुखं चास्याः प्रवेशनम् III. 73.40b | , तज्ज्ञातिनां नुदन् VI. 126.43b
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