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ददर्श हनुमान्कपिः V. 17.26d
, , 18.21d , हनुमान्बली V. 14.6d ,, हनुमॉलङ्काम् V. 2.18c ,, हनुमांस्तत्र V. 17.25a हरियूथपः V.6.41d
, ,, I0.3rd " , , II.Iod , , ,77.8d , हरियूथपान् V. 64.4b ,, हरिसत्तमः V.6.29b ददर्शाकम्पनो वीरः VI. 56.250 ददर्शाग्रजमग्रतः VII. 52.6d ददर्शादित्यसंनिभम् IV. 33.63d ददर्शादूरतस्तस्य III. 5.8a. ददर्शानुगतौ पथि II. 40.39d ददर्शानुजमग्रतः IV. 22.Id ददर्शान्तःपुरं महत् IV. 33.I9d
,, श्रीमान् II. 14.29c ददर्शान्तःपुराग्रतः V. 4.24b ददर्शान्तर्हितं वीरम् VI. 46.10a ददर्शायतलोचनः VI. 42.5d ददर्शायतलोचना III. 49.36d ददर्शायाचतीं श्रियम् II. 4.30d ददर्शायान्तमात्मजम् II. 3.27b ददर्शायुधजालानि VI. 41.38a ददर्शालंकृतो राजा II. I.47c ददर्शावस्थितं दीनम् II. 33.28c
, वीरम् VI. 88.43a ददर्शावेक्ष्य मातरः II. 39.36d ददर्शाश्रममण्डलम् III. II.21b ददर्शाश्रममागम्य III. 25.Ic ददर्शाश्रममेकान्ते III. 7.4c
,, , 35.37c ददर्शाश्रममेयुषः II. 99.6b
ददर्शाश्रमवासिनौ I. 4.5d ददर्शाष्टौ महावीर्यान् III. 54.18c ददर्शासीनमव्यग्रम् VI. 41 74c दद द्विग्नमासीनम् VI. 62.6c ददर्शोपससर्प च IV. 17.12b ददातु मे शीघ्रमिहाद्य युद्धम् VI. 71.45d ददामि कुञ्जराणां ते I. 53.18a ,, चास्त्रं पैनाकम् I. 27.10a ,, तव कौशिक I. 63.19b ,, ,, चानघ I. 27.IIb
,, राघव I. 27.12b ,, सुव्रत I 53 20b
ते महाबाहो I. 27.7a ,, ,, शतान्यष्टौ I. 53.10a ,, द्विजपुंगव II. 32.Iod ,, नृवरात्मज I. 27.14b ,, परमप्रीतः I 71.20c , , ,, ,, 22c ,, ब्रुवतः प्रियम् VI. 125.43d , शतिका कलाम् VII. 36.13d , समरुद्गणः I. 65.20d ददामीत्य परः पुन: VI. 75.66b ददाम्यस्त्राणि सर्वशः I. 27.2d ___ , , ,, ,, 4b ददाम्यहमनुत्तमम् I. 27.9b ददाम्यहमसंभ्रान्तः V. 58.18c ददाम्याभरणानि च VII. 78.24d ददाम्यायुधमुत्तमम् VII. 61.7d ददाम्येकां गवां कोटिम् I. 53.20e ददाम्येतद्वतं मम VI. 18.33d ददाम्येतानि सर्वशः I. 27.13b ददावन्नं च पुष्कलम् II. 77.2b ददावश्वपतिः शीघ्रम् II. 70.22c ददासि न विलम्बसे II. I00.32d ददाह कपिकुजर: V. 54.17d
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