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ततो मूर्छा च दारुणा IV. 61.Iod ,, मूर्ना निपतितम् V.63.1a ,, मृत्युः क्रुद्धतरः VII. 22.23a ,, मेघा रथे तस्मिन् VII. 28.25a , मे जननी दीना VII. 17.14a
,, प्रददौ वरो II. II.I9d ,, बुद्धिरुत्पन्ना V. 58.IIMa
58.II8a ,, मरणं सद्यः II. 35.22c ,, मैन्दस्तु संप्रेक्ष्य VI. I7.47a ,, मोहमुपाश्रितः VI. 84.7d ,, मौनमुपागमत् VI. I7.30d
, 18.20d ततोऽम्बरे महाशब्दः VII. 8.17a ततोऽम्बुधर संकाशम् V. 14.27a ततो यक्ष्यसि निर्वृतः I. 59.3d ,, यज्ञे समाप्ते तु I. I8.8a
VII. 57.12a
,, 86.10a यज्ञो महानासीत् VII. 90.15c ,, यथावद्रामेण II. 5.12a ,, यानगतां सीताम् VI. II4.18a ,, यानान्युपारूढाः VI. 127.15a ,, यास्याम्यहं वनम् VII. I07.2d , युद्धपरिश्रान्तम् VI. I05.1a , युद्धं प्रवृत्तं तु VII. 28.33a , युद्धाय तेजस्वी VI. 95.4la ,, युद्धं समभवत् VII. 14.8a
" ) 23.30a , ,, 27.26a
, , 27.37a ततो यूथपतिवार; IV. 39 33c ततो यूपशताकीर्णम् VII. 25.3a
, योधाङ्गिनाः सर्वाः II. 82.25a ., रक्तजलं प्राप्य IV. 40.33a २३
। ततो ,, भीमम् ,, 40 39a
,, रक्षन्ति भूमिपम् II. 66.15d , रक्षा महातेजः VII. 66.3c ,, रक्षो महानादान् , 23.47a , रजन्यां व्युष्टायाम् ,, 46.1a ,, रथस्थमालोक्य VI. 90.13a प, रथं समास्थाय VII. 29.20a
रम्भस्त्वनुप्राप्तः IV. 39.32c
रसातलं रक्षः VII. 23.4a ,, राक्षसमादाय VI. 31.6a ,, राक्षसराजेन VII. I9.22a. ,, राक्षसशार्दूल: VI. 99.IIa ,, राक्षससैन्यं च , 107.2a ,, राजर्षयः सर्वे III. 30.33c ,, राजर्षिनन्दनः VII. 75.13b , राजानमासाद्य I. 41.23a
., 69.8a ,, राजा यथायोध्यम् I. I.16c
राजा विनिश्चित्य , 9.15a ,, राज्ञा समादिष्टाः VI. 20.31a ,, रात्र्यां व्यतीतायाम् I. 69.1a ,, राम यगमिष्सि VI. I2I.I3d ,, रामः परां प्रीतिम् VII. I02.10a ,, रामः परिष्वज्य IV. 12.12a ,, रामः प्रसन्नात्मा I. 27.26c ,, राममपूजयत् VI. 127.35d
राममभिक्रम्य ,, 9I.4a ,, राम महादेवः VII. 66.27a ,, राममुपागमत् VI. II2.1gb ,, राम शरान्दृष्ट्वा ,, 75.40a
, रामः शुभां वाणीम् VII. 98.25c ततो रामः सह भ्रात्रा IV. 13.27a , , सुवेलाग्रम् VI. 40.1a " , सुसंकुद्धः III. 26.7c ,, रामस्तु विजयी III. 30.38c
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