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- थोकड़ा नं० ८०..
(श्रीं भगवती सूत्र श० २५-उ० २.)
(द्रव्य ). द्रव्य दो प्रकार के है । जीव द्रव्य और अजीव द्रव्य । जीव अन्य क्या संख्याता है ? असंख्याता है या अनम्ता है ? संख्याता, असंख्याता नही किन्तु अनन्ता है क्योंकि जोष अनन्ता है इसी वास्ते जीव द्रव्य भी अनन्ता है। . ___ अजीव द्रव्य क्या संख्याते, असंख्याते या अनन्ते हैं? संख्याते, असंख्याते नहीं किन्तु अनन्ते हैं क्योंकि अजीव द्रव्य पांच है। धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय असंख्यात प्रदेशीहै। आकाश और पुगल के अनन्ते प्रदेश है और काल वर्तमान एक समय है, भूत, भविष्यापेक्षा अनन्ते समय है इस वास्ते अजीव द्रव्य अनन्ता है। ... जीव द्रव्य अजीव द्रव्य के काम आते है, या अजीव द्रव्य जीव द्रव्यके काम आते है? जीव द्रव्य अजीव द्रव्य के काम नहीं आते है किन्तु अजीव द्रव्य जीव द्रव्यके काम आते है क्योंकि जीव अजीव द्रव्य को ग्रहण करके १४ बोलों उत्पन्न करते है यथा-औदारीक शरीर, वैक्रिय शरीर, आहारीक शरीर, तेजस शरीर, कामण शरीर, भोरेन्द्रीय, चक्षुरिन्द्रीय, घ्राणेन्द्रीय, रसेन्द्रीय, स्पर्शन्द्रीय. मन योग, वचन योग, काय योग, श्वासोश्वास, एवं चौदा । ___अजीव द्रव्य के नारकी का नेरीया काम में आते है या मजीव द्रव्य नारकी के नेरीये के काम आते है ? अजीव द्रव्य के नारको काम में नहीं आते है परन्तु नारकी के अजीव द्रव्य काम