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११३ थोकडा नं०६४
श्री भगवती सूत्र श० २५-उ०४
(परमाणु पुद्गल ). है भगवान ! एक परमाणु पु. क्या सर्वकम्प है, देश कम्प है या अकम्प है ? गौतम ! देश कम्प नहीं है स्यात् सर्व कम्प है स्यात् अकम्प है । देशकम्प नहीं है।
दो प्रदेशी स्कन्ध की पृच्छा. गौतम ! स्यात् देश कम्प ( एक विभाग) है। स्यात् सर्व कम्प है और स्यात् अकम्प भी है एवं तीन चार यावत् अनन्त प्रदेशी की भी व्याख्या इसी तरह करनी।
घणा परमाणु की पृच्छा. गौतम ! देश कम्प नहीं है सर्व कम्प घणा और अकम्प भी घणा है और घणा दो प्रदेशी स्कन्ध, देश कम्प भी घणा, सर्व कम्प भी घणा, और अकम्प भी घणा, इसी तरह घणा तीन, चार यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध भी समझ लेना। - हे भगवान् ! एक परमाणु पु० सर्व कम्प और अकम्प पने रहे तो कितने काल तक रहे ? गौतम ! कम्पायमान रहे तो जा एक समय उ० आवलीका के असंख्यात में भाग जितना काल और अकम्प रहे तो ज. एक समय उ. असं० काल. तथा दो प्रदेशी स्कन्ध देश कम्पायमान और सर्व कम्पायमान पने रहे तो न. एक समय उ० आवली के असं० भाग जितना काल और अकम्प पने रहे तो ज. एक समय उ० असं० काल एवं तीम, चार