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२५०) शाह हजारीमल कुंवरलाल पारख. २००) शाहा लूणकरण धूलमल पारख. ६५) शाहा आइदांन अगरचंद पारख. ७५) शाहा जमनालाल इन्दरचंद पारख. ७५) शाहा फोजमल गैनमल पारख. ५१) शाहा मोतीलाल हीरालाल पारख. ५०) शाहा इन्दरचंद संपतलाल पारख. ५०) शाह माणकलाल चोपडा. २५) शाहा लीखमीचंद मूलचंद पारख. १२६) परचुन तथा बाहारकी आमदानी. ८००) पर्युषणोंमे स्वप्नोंकी श्रामदानी कुल ३०००)
पंचप्रतिक्रमण ५००० नकलो की छपाइ एक गुप्त दानेश्वरी की तरफसे मदद मिलीथी.
(११) ज्ञान पंचमिपर एक धर्म जलसा किया गया था वह मानो समौसरणकि रचनाहीका स्वरुप था १५ दिन तक महोत्सव रहा प्रतिदिन नइ नइ पूजा भणाइ गई थी करीबन एक हजार रुपैयोंका खरच हुवा था.
(१२) स्वामिवात्सल्य-स्वधर्मीभाइयों मे वात्सल्य वृद्धिके लिये स्वामिवात्सल्य ( १) श्री भगवतीसूत्रके प्रारंभ में फलोदीवाले आये थे उन्होंको स्वामिवात्सल्य शाह छोगमलजी पारखकी तरफसे हुवाथा, और