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पुष्प न. ७४.
॥ ॐ ॥
ता. २१-६-२४ श्री रत्नप्रभाकर ज्ञानपुष्पमाला ऑफीस फलोदीसे आजतक
पुस्तकें प्रसिद्ध हुइ जिस्का.
सूचीपत्र.
इस संस्थाका जन्म-पूज्यपाद परम योगिराज मुनिश्री रत्नविजयजी महाराज तथा मुनिश्री ज्ञानसुन्दरजी महारानके सदुपदेशसे हुवा है. संस्थाका खास उद्देश छोटे छोटे ट्रेक्ट द्वारा समाजमें ज्ञानप्रचार बढानेका है. इस संस्था द्वारा ज्ञानप्रचार बढानेकों प्रथम सहायता फलोदी श्री संघकी तर्फसे मिली है, वास्ते यह संस्था फलोदी श्री संघका सहर्ष उपकार मानती है।
पुस्तकोंक नाम. विषय. कुल प्रति. कीमत. १ श्री प्रतिमा छत्तीसी . | ३२ सूत्रोंमें मूर्ति है । | २०००० २ गयवर विलास | ३२ सूत्रोंका मूल पाठ २८००
दान छत्तीसी तेरापन्थी दयादानका नि। ४/ अनुकम्पा छत्तीसी षेध करते है जिस्का उतर । ५ प्रश्नमाला प्रश्न १०० | ३२ सूत्रोंके मूल पाठसे प्रश्न ३००० ६) स्तवन संग्रह भाग १ लो | जिन स्तुति ७ पैंतीस बोलोंका थोकडा. | द्रव्यानुयोगके बोल ८ दादा साहिबकी पूजा | गुरुपद पूजा ९+चर्चाकी पब्लिक नोटीस | ढुंढकोंको चर्चाका आमंत्रण . १०००
१०००