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चढाये गयेथे जिसमें जोधपुरसे अंग्रेजी वाजे भी मंगवाये गये थे। .. (१) श्री भगवती सूत्र प्रारंभमें शाहा छोगमलजी पारखकी तरफसे. (२) फलोदीवालोकी तरफसे श्रावण वद ४ को (३) पयुषणोमे चैत्यपरिपाटीका वरघोडा (४) श्री भगवतीजीसूत्र समाप्त का श्री संघकी तरफसे
( १४ ) मुनिश्री के विराजनेसे फलोदीवाले करीबन् २०००. श्रावक श्राविकाओं आपश्रीके दर्शनार्थी पधारे थे जिनोंकी स्वागत यथाशक्ति अच्छी हुइथी।
(१५) इनके सिवाय चांदीका मेरू, जोकि मेरू बहुतसे ग्रामोमें होते है किन्तु यह खास शास्त्रानुसार मेरू बनाया गया है तथा पूजा प्रभावना तपश्चर्या कण्ठस्थ ज्ञानध्यान समयानुसार हमारे ग्रामके मुकाबले बहुत अच्छा हुवा हमारे ग्राममे ऐसी धर्म उन्नति पहले स्यात् ही हुइ होगी हमने तो हमारे जीवनमें नही देखीथी और भी नवयुवक लोगोंमे भी अच्छी जागृती हुई वह लोग अपने कर्तव्यपर विचार करने लग गये है हम आपश्री से पुनः पुनः प्रार्थना करते है कि आपके लगाये हुवे कल्पवृक्षको जल्दी जल्दीसे अमृत सींचन करते रहे यानि ऐसे थली के क्षेत्रोमें बिहार कर हम लोगोंपर उपकार करते रहै यह ही हमारी अन्तिम प्रार्थना है इसे स्वीकार करावे ।
भवदीय
माणकलाल पारख, सेक्रेटरी श्री जैन नवयुवक मित्रमंडळ-लोहावट.