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१४ ,, कृष्ण कापोत ? नारकीके चरमान्तमे १५ कृष्ण तेजसः ? लक्ष वर्षका देवतावोंमें १६ , पद्म ? परिव्राजक कि गतिका चरमान्तमें १७ , शुक्ल. उत्कष्ट स्थितिमें १८ निल. कापोत ? तीजी नारकी १९ , तेजस० ! पल्योपमके असंख्यात भाग कि स्थितिका
देवताओंमे २० , पन ? दश सागरोपमकि स्थितिमें। २१ , शुक्ल० ? दश सागरोपम और पल्योपमके असं
ख्यातमें भाग अधिक स्थितिवालामें २२ कापोत तेजस ? दोय सागरोपमकि स्थितिमें २३ , पन ! तीन सागरोपमकि स्थितिमे २४, शुक्ल ! वासुदेवकि आगतिका चरमान्तमे २५ तेजस० पन्न ? वैमानिक देवोकी प्रत्येक सागरोपमकि
स्थितिमे २६ तेजस० शुक्ला ? वैमानिक देवोंका चरमान्तमे २७ पन० , वैमानिकके एक वेदवालोंमें २८ निल कापोत सेजस० पद्म? प्रत्येक सागरोपम स्थितिमें २९ कृष्ण निल कापोत, तेजस, पद्म? पांचवा देवलोकमें ३० कापोत० तेजस० पद्म० शुक्ल ? बासुदेवकि आगतिमे । ३१ कृष्ण निल० कापोत तेजस शुक्ल० सर्वार्थ सिद्ध धैमानमें
थोकडा नम्बर १३१ (तीर्यचके ४८ भेदोंका प्रश्नोत्तर.) तीर्यचका एक भेद चार शरीरी एकेन्द्रियमें पावे ।