Book Title: Shighra Bodh Part 06 To 10
Author(s): Gyansundar
Publisher: Veer Mandal

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Page 299
________________ वन्दे वीरम्. पूज्यपाद प्रातःस्मरणीय मुनिश्री श्री १००८ श्री श्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज साहिब का सं. १९८० का चतुर्मास लोहावट ग्राम में हुवा जिसके जरिये धर्मोनति. मारवाड स्टेट जोधपुर कस्बे फलोदी से आठ कोशके फासले पर लोहावट नाम का ग्राम है जिस्के दो वास. एक जाटावास जिसमें एक जिनमन्दिर एक धर्मशाला एक उपासरा १२५ घर जैनों के अच्छे धनाढ्य धर्मपर श्रद्धा रखनेवाले हैं दूसरा विसनोइवास जिसमें एक जिनमन्दिर एक धर्मशाला ४० धर जैनों के ४० घर स्थानकवासी भाइयों के हैं मुनि श्रीका चातुर्मास जाटावास में हुवा था आपश्री की विद्वता और मधुर व्याख्यान द्वारा जिन शासन कि अच्छी उन्नति हुई वह हमारे वाचक वर्ग के अनुमोदन के लिये यहां पर संक्षिप्तसे उल्लेख कर पूज्यवर मुनि महाराजों से मरूस्थल मे विहार करने कि सविनय विनति करते हैं । (१) तीन वर्षों से प्रार्थना-विनति करते हुवे हमारे सद्भाग्य से

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