Book Title: Shighra Bodh Part 06 To 10
Author(s): Gyansundar
Publisher: Veer Mandal
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२४७
, ग्यारवा ,,
, सातवो , , , तेजुलेशी गुरु के ,, , आठवो ,, , हास्यादि गु० के , , नौवा ,
, सवेदी गु० के , दशवो
सकपायि गु० के ,
,, मोहकर्मकी सत्ताके,, " " बारहवा " " " छद्मस्थ गु० के " " " तेरहवा " " " संयोगी गु० के " चौदहवा "
" सर्वजीवोंके " तोसरा और चोथा ,, एक संज्ञी अव्रती जीवोंमें।
" " पांचवा " " " तीर्थच गु० के चरमान्त " " छठा ." " " प्रमादि ग० के "
" सातवा " " " तेजोलेशी गु० के" " आठवा " , " हास्यादि के "
नौषा गु० , सवेदी गु० के दशवा ,, , ,
सकषायि , के इग्यारवा० , , मोहसत्ता,, के , बारहवा गु० ,, , छद्मस्थ० ,, के , तेरहवा, " " संयोगी० ,, के ,
, चौदहवा० , , समुच्चय गु० के चोथो और पंचवा गु० क्षायक सम्य० वाले तीर्यच में । चोथो और छठ्ठो गु० ,, ,, प्रमादि गुरु के चरमान्तमें " , सातवा गु०
,, तेजोलेशी ,, , ,, ,, आठवा ,, , , हास्यादि ,,,, ,, नौवा
, सवेदी ., , दशवा
, सकपायि ,, ,, इग्यारवा ,
,, मोहकर्म सत्ता ,, , ,, बारहवा ,
, छद्मस्थ ,, ,तेरहवा ,
,, संयोगी

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