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काल दो प्रदेशी का अंतर ज० एक समय उ० अनंत काल एवं यावत् अनंत प्रदेशी कहना ।
( १२ ) एक प्रदेश अवगाहा पुगल का अंतर ज० एक समय उ० असं• काल एवं दो तीन यावत् असं० प्रदेशी अवगाहा पु० भी कहना, और कम्पमान सब जगह अ० एक समय उ० आवली के असं० भाग० भाग । वर्ण. गंध, रस, स्पर्श, सुक्ष्म 1 पणे और बादर पने प्रणम्या हुवा कम्पमान, अकम्पमान का अंतर पूर्ववत् समझलेना ।
(१३) शब्दपने प्रणम्या का अंतर न० एक समय उ० असं० काल ।
( १४ ) अशब्द पने प्रणम्या का अंतर ज० एक समय उ० आवली का के असं० भाग ।
(१५) अल्पाबहुत्व ( १ ) सबसे स्तोक क्षेत्र स्थानायुः (२) अवगाहना स्थानायुः असं० गुणा ( ३ ) द्रव्य स्थानायुः असं० गुणा (४) भाव स्थानायु: असं० गुणा विस्तार सूत्र से देख लेना । सेवंभंते सेवते तमेव सचम् । -*(@K
थोकडा नं १०४.
श्री भगवती सूत्र श० ११-३० १. ( उत्पल कमल )
( द्वार ) उत्पात् १, परिणाम २, अपहरण ३, अवगाहना ४, कर्मबन्धे ५, कर्मवेद ६, उदय ७, उदीर्ण ८, लेश्या ९, दृष्टी