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त्रिक संयोगी भांगा १० १ उदय-उपशम क्षायिक । ६ उदय-क्षयोपशम-परिणामिक २ उदय-उपशम-क्षयोपशम । ७ उपशम-क्षायिक-क्षयोपशम ३ उदय-उपशम-परिणामिक ८ उपशम-क्षायिक-परिणामिक ४ उदय-क्षायिक-क्षयोपशम | ९ उपशम-क्षयोपशम-परिणामिक ५ उदय-क्षायिक-परिणामिक १० क्षायिक-क्षयोपशम-परिणामिक
चतुष्क संयोगी भांगा ५ १ उदय-उपशम-क्षायिक-क्षयोपशम २ उदय-उपशम-क्षायिक-परिणामिक ३ उदय-उपशम-क्षयोपशम-परिणामिक ४ उदय-क्षायिक-क्षयोपशम-परिणामिक ५ उपशम-क्षायिक-क्षयोपशम-परिणामिक
पञ्च संयोगी भांगा? (१) उदय, उपशम, क्षायिक, क्षयोपशम, परिणामिक, एवम् भांगा २६ है जिसमें भांगा बीस तो सून्य केवल प्ररूपणा मात्र है शेष भांगा ६ के स्वामी नीचे लिखते हैं
( १ ) बीक संयोगी भांगो नवमो सिद्धोंमें मिले क्षायिक परिणामिक, कारण परिणामिक जीव और क्षायिक समकित । - (२) त्रिक संयोगी भांगी पांचमो “ उदय क्षायिक परिणामिक" मनुष्य केवलीमें उदय मनुष्य गतिको क्षायिक समकित परिणामिक जीव ।
(३) त्रिक संयोगी भांगो छट्ठो " उदय क्षयोपशम परिणामिक" उदय गतिको क्षयोपशम इन्द्रियोंका परिणामिक जीव चारों गतिमे पावे।