Book Title: Shighra Bodh Part 06 To 10
Author(s): Gyansundar
Publisher: Veer Mandal

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Page 284
________________ २५८ बहुश्रुत--प्रश्न बाशटीयो. थो. १२७ .. मार्गण' जीष, गुण योग. उप० लेश्या IF I ournaroramanarane वासुदेवकि आगति में हास्यादि समदृष्टि अव्रती मन योगी में एकान्त संज्ञी समदृष्टि अवती अप्रमत हास्यादि ६ तेजुलेशी पकेन्द्री | अमर गुणस्थान में ८ अमर गु० छप्रस्थ ९ अमर गु० चर्मान्त १० यथाख्यात चा० संयोगी गुणस्थान के चमन्ति में संयोगी गु० , १३ छमस्थ गु० , १४ सकषाय गु० ॥ १५ सधेदी गुल , १६ व्रती छमस्थ गु० १७ अप्रमत्त छद्मस्थ० १८ हास्यादि संयति , १९ हास्यादि अप्रमत्त, व्रती सकषाय , व्रती सधेदी , व्रती छमस्थ , समदृष्टि सवेदी , २४ समष्टिसकषाय, २५ बाट बहे ता जीव में सेवं भंते सेवं भंते तमेव सबम् our omararmarmnarar 9urmar3099 vm 22222222222222222322 | 9409 20222999 ११११११ ruirurmourururarururururur errrrrowruro . ranoranar on our

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