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२४६ [ दर्शनद्वार ]
द्वार.
चच द० अचच द अवधी द० केवल इ०
१
स
गती इन्द्रिय काय योग वेद कषाय
संयम दर्शन
अपना
| भव्य | सन्नी
सम्यक्त्व १४ आहारिक १५ गुणस्थान १६ । नीष भेद १७ पर्याप्ता
प्राण संज्ञा उपयोग दृष्टी कर्म शरीर
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