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१६७ थोकडा नं० १११
श्री पन्नवणा सूत्र पद ६
( गत्यागती) १ रत्नप्रभा नारकीकी आगती ११ की-पाँच सन्नी तीर्यच, पांच असन्नी तीर्यच और संख्याते वर्षका कर्मभूमी मनुष्य. एवं ११ तथा गती ६ की पांच सन्नी तीर्यच और संख्याते वर्षका कर्मभूमी मनुष्य ।
२ शर्करप्रभा नारकीकी आगती ६ की-पांच सन्नी मनुष्य और संख्याते वर्षका कर्मभूमि मनुष्य । तथा गती ६कीपांच सन्नी तोर्यच और संख्याते वर्षका कर्मभूमि मनुष्य ।
३ वालुप्रभा नारकीकी आगति ५ की-भुजपरी तीर्यच वर्ज के उपरवत् पांच और गति ६ को पूर्ववत् ।
४ पंकप्रभा नारकीकी आगति ४ की खेचर वर्जके शेष ४ पूर्ववत् और गती ६ की पूर्ववत् ।
५ धूमप्रभा नारकीकी आगत ३ की-थलचर वर्जके शेष ३ पूर्ववत् और गति ६ की पूर्ववत् । .. ६ तमप्रभा नारकीकी आगत ४ की-स्त्री, पुरुष, नपुंसक और जलचर तथा गती ६ की पूर्ववत् ।।
७ तमातमप्रभा नारकीकी आगती ३ की-पुरुष, नपुंसक और जलचर तथा गती ५ की ( सन्नी तीर्यच पांच )
दश भुवनपती, व्यंतरकी आगती १६ की-पांच सन्नी पाँच असन्नी तीर्यच १० संख्याते वर्षका कर्म भूमि मनुष्य ११