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१२६ (७) , , अबंधका विशेषा। (८) , , देश , असं० गु० (९) तेजस कार्मण का देश बंधक विशेषा। (१०) पैक्रिय का अबंधक विशेषा। (११) आहारिक शरीर के अबंधक विशेषा ।
सेवंभंते सेवंभंते तमेव सच्चम्.
-* *थोकडा नं. १८
श्री भगवती सूत्र श०८-उ० १०
. (पुद्गल ). हे भगवान् ! पुद्गल कितने प्रकार से प्रणमते है ? गौतम ! पांच प्रकार से यथा व ५, गंध २, रस ५, स्पर्श और संस्थान ५ एवं २५ बोलों से प्रणमते है।
पुदगलास्तिकाय के एक प्रदेश को क्या एक द्रव्य कहना १ या घणा द्रव्य कहना २ या एक प्रदेश कहनो ३ या घणा प्रदेश कहना.४ या एक द्रव्य एक प्रदेश कहना ५ या एक द्रव्य घेणा प्रदेश कहना ६ या घणा द्रव्य एक प्रदेश कहना ७ या घणा द्रव्य घणा प्रदेश कहना? इन ८ भांगा में से एक प्रदेश में दो भांगा पाये ( १ ) एक प्रदेश (२ अपेक्षा से एक द्रव्य भी कहते है।
दो प्रदेशी में पांच भांगा पावे क्रमसर तीन प्रदेशी में सात मांगा पावे क्रमसर चार प्रदेशी में ८ भांगा पाधे एवं ५-६-७-८