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समय एवं २९ बोल अधोलोक में पावे इसी तरह तीर्यंं लोक भे २९ और ऊर्ध्व लोक में काल का समय छोड़ के शेष २८ बोल पावे |
सर्व लोक में बोल पावे २९ पूर्ववत् और अलोक में नीवादि नही है फक्त आकाश है वह भी सर्वाकांश से अनन्त में भाग न्यून ( लोक जितना न्यून ) |
atarata के एक आकाश प्रदेश पर जीव नहीं है जीव का देश, प्रदेश और अजीव, अजीव के देश, प्रदेश है । यथा(१) घेणे एकेन्द्रिय के घणे देश तो नियमा है। ( २ ) घणे एकेन्द्रिय के घणे देश एक बेरिन्द्रिय का एक देश । ( ३ ) घणे बेन्द्रिय के घणे देश । एवं तेन्द्रिय, चौरिन्द्रिय, पंचेन्द्रिय और अनेन्द्रिय के दो दो बोल कहना एवं ११ ।
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( ३ )
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( १ ) घणे एकेन्द्रिय के घणे प्रदेश ।
( २ ) घणे एकेन्द्रियके घणे प्रदेश और एक बेन्द्रियका घ
प्रदेश | ( ३ ) " एवं तेन्द्रिय २ चौन्द्रिय २ पचेन्द्रिय २ एवं ९
और घणे
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( १ ) घणे एकेन्द्रियके घणे देश और एक अनेन्द्रियको
एक देश ।
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घणे
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एवं ३-९-११ मिलके २३ भांगे हुवे
और अजीब के
४ भेद चार रुपी और पांच अरुपी पूर्ववत् कुल ३२ बोल हुये।
ऊंचा लोक के एक आकाश प्रदेश पर काल का सम
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घणे देश.