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थोकड़ा नं० ८६
श्री भगवती सूत्र श० २५-उ० ४. ( जीवों का प्रमाण ० )
इस थोकडे में सब जीवों को जुम्मा रासी कर के द्रव्य क्षेत्र, काल, और भाषाश्रीय बतायेंगे ।
(१) नीव द्रव्य प्रमाण ।
हे भगवान् ! एक जीव द्रव्यापेक्षा क्या कुडजुम्मा या कलयुगा है ? ( गौतम ) कलयुगा है, क्योंकि एक जावाश्रीय प्रश्न है इस लिए एवं २४ दंडक और सिद्ध के भी एक जीवाश्रीय कलयुगा ही कहना ।
घणा जीवों की अपेक्षा क्या कुडजुम्मा है ? यावत् कलयुगा है ? ( गौतम ) घणा जीवों की गणती का दो भेद है एक समुचय दूसरा अलग २, जिस में समुचय को अपेक्षा तो कुडजुम्मा है, शेष ३ भांगा नहीं और अलग २ की अपेक्षा कलयुगा है शेष ३ भांगा नहीं ।
घणा नारकी की पृच्छा ? ( गौतम ) समुचयापेक्षा स्यात कुडजुम्मा यावत् स्यात् कलयुगा है और अलग २ की अपेक्षा कलयुगा है शेष ३ बोल नहीं, एवं २४ दंडक और सिद्ध भी समजलेना ।
( २ ) जीव प्रदेश प्रमाण.
हे भगवान् ! प्रदेशापेक्षा एक जीव क्या कुडजुम्मा है यावत् कलयुगा है ! ( गौतम ) प्रदेश दो प्रकार के है, एक जीव प्रदेश