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हे भगवान् ! धर्मास्तिकाय द्रव्यापेक्षा क्या कुडजुम्मा है यावत् कलयुगा है ? गौतम ! कलयुगा है शेष तीन बोल नहीं, क्योंकि धर्मास्तिकाय द्रव्यापेक्षा एक ही है एवं अधर्मास्तिकाय और आकाशास्तिकाय भी समझ लेना ।
व्यापेक्षा जीवकी पृच्छा. गौतम | कुडजुम्मा है शेष तीन बोल नहीं पवं काल भी ।
sourपेक्षा पुद्गलास्तिकायकी पृच्छा. गौतम ! स्यात् कुडजुम्मा यावत् स्यात् कलयुगा चारों बोल पावे ।
हे भगवान् ! प्रदेशापेक्षा धर्मास्तिकाय क्या कुडजुम्मा है यावत् कलयुगा है ? गौतम ! कुडजुम्मा है शेष तीन बोल नहीं. एवं अधर्मास्तिकायादि छेओं द्रव्य प्रदेशापेक्षा कुडजुम्मा है । षट् द्रव्योंकी द्रव्यापेक्षा अल्पावद्दुत्व
(१) धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय और आकाशास्तिकाय, प्र. व्यापेक्षा परस्पर तुल्य और सबसे स्तोक है।
(२) जीव द्रव्य अनन्त गुणा (३) पुद्गल द्रव्य अनन्त गुणा और (४) काल द्रव्य अनन्त गुणा ।
षट् द्रव्योंकी प्रदेशापेक्षा अल्पा बहुत्व-
(१) धर्माधर्मास्तिकाय के प्रदेश परस्पर तुल्य और सबसे स्तोक है।
( २ ) जीवोंके प्रदेश अनन्त गु० । ( ३ ) पुद्गल प्रदेश अनन्त गुणा । ४ ) काल प्र० अनन्त गु० ।
( ५ ) आकाशके प्रदेश अनन्त गुणे ।
एकेक द्रव्यकी द्रव्य और प्रदेशापेक्षा अल्पाबहुव
(१) धर्मास्तिकाय द्रव्य अपेक्षा स्तोक है धर्मास्तिकाय प्रदेश असंख्यात गुणा ।